खुशबु तेरी मुझे महका जाती है तेरी हर बात मुझे बहका जाती है सास को बहुत देर लगती है आने में हर सास से पहले तेरी याद आ जाती है पी है शराब हर गली की दुकान से दोस्ती सी हो गई है अब शराब के जाम से गुजरे है हम ऐसे मुकाम से की सुनते ही आखे भर आती है मोहब्बत के नाम से