आज भी डरते है

आज भी हम बागो में जाने से डरते है

वहा फूल खिलाने से डरते है

हमारी एक पसंद से टूट जायेगे हजारो दिल

इस लिए हम प्यार करने से डरते है

प्यार इतेफाक था

मिलना नसीब था

वो इतना हो गए करीब

की बिछड़ना मुश्किल था

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