आधा तोरम, आधा मोरम

पंडीत जी हवन करते समय एक चम्मच घी आग में ङालते और एक चम्मच घी अपने ङिबबे मे ङालते जा रहे थे!

पास बैठे अपने एडमिन साहब चिल्लाकर बोले, “घृतम चोरम, घृतम चोरम !”

पंडीत जी एडमिन साहब को चुप कराते हुए बोले, “पुत्र ना कर शोरम, ना कर शोरम! आधा तोरम, आधा मोरम”

ॐ स्वाह ॐ स्वाह ॐ स्वाह !!

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