नए भ्रष्टाचार रोधी कानून में इन्हे भी माना जाएगा रिश्वत, होगी 7 साल की जेल

नई दिल्ली: नए भ्रष्टाचार रोधी कानून के अनुसार सेक्सुअल फेवर की मांग करने को या फिर उसे स्वीकार करने को रिश्वत माने जाने का एलान किया गया है. कहा जा रहा है कि इसके लिए 7 साल तक की जेल हो सकती है. सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी इस बारे में बात की. उन्होंने बीते कल यानी रविवार को बताया कि भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2018 में 'अनुचित लाभ' जैसे शब्दों को शामिल किया गया है और इसका मतलब है कि कानूनी पारिश्रमिक के अलावा किसी भी तरह से दी जाने वाली रिश्वत और इससे महंगे क्लब की सदस्यता और आतिथ्य अगर कोई लेता है तो इसे रिश्वत की श्रेणी में रखा जाएगा.

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आपको पता ही होगा कि संशोधित रोधी कानून के तहत 'रिश्वत' शब्द का मतलब केवल आर्थिक रिश्वत या धन ही नहीं बल्कि महंगे क्लब की सदस्यता और आतिथ्य में हिस्सा लेना भी शामिल है. इस अधिनियम को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दी है और उनकी मंजूरी मिलने के बाद केंद्र सरकार ने जुलाई में इस संशोधन को मंजूरी दे दी थी. इस साल के कानून के द्वारा 30 साल से चल रहे पुराने भ्रष्टाचार निवारण कानून में संशोधन किया जा रहा है. अब आर्थिक रिश्वत या धन और महंगे क्लब की सदस्यता और आतिथ्य में हिस्सा लेने के साथ ही महंगा तोहफा, मुफ्त की छुट्टी को भी रिश्वत में शामिल किया जाएगा.

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अगर कोई गैर आर्थिक हो जैसे महंगा तोहफा या किसी तरह की मुफ्त सौगात, मुफ्त छुट्टी की व्यवस्था या एयरलाइन टिकट और ठहरने की व्यवस्था इन सभी को रिश्वत माना जाएगा. अब अगर कानूनी पारिश्रमिक के साथ किसी को ऐसी सुविधा मिलती है तो वह रिश्वत मानी जाएगा.

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