असम में मजबूत हो रही भाजपा, कांग्रेस को लगा झटका

गुवाहाटी : शुक्रवार को बिहार विधानसभा चुनाव पूरे होने के बाद अब विभिन्न राजनीतिक दल असम विधानसभा चुनावों की तैयारियों में लग गए हैं।हालांकि राजनीतिक दल बिहार चुनाव समाप्त होने के बाद कुछ दम जरूर लेंगे लेकिन असम में चुनाव को लेकर हलचलें तेज हो गई हैं। यहां विधानसभा चुनाव में अभी 7 माह का समय शेष है। मगर माना जा रहा है कि यहां भी कांग्रेस की लहर कमजोर है। यहां कांग्रेस के करीब 9 विधायक पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल होने की तैयारी में हैं। हेमंत बिस्व शर्मा के गुट द्वारा इस तरह का राजनीतिक विरोध किया जा रहा है। 

मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस द्वारा चार विधायकों को तो निलंबित किया जा चुका है। अन्य पांच को कांग्रेस द्वारा कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है। दूसरी ओर कुछ विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे। कांग्रेस सरकार को इन बातों का कोई असर नहीं हुआ। दरअसल 126 सदस्यों वाली विधानसभा में 9 विधायक भाजपा में शामिल हो रहे हैं। मगर इसके बाद भी कांग्रेस के पास मौजूदा स्थिति में 69 विधायकों का समर्थन रहेगा।

हालांकि आने वाले चुनाव में कांग्रेस के लिए कुछ मुश्किल हालात बन सकते हैं। मामले में यह बात सामने आई है कि कांग्रेस के बागी विधायकों में बोनि चेतिया, प्रदान बरूआ, पल्लव लोचन दास, राजन बोरठाकुर, पीजूष हजारिका, कृपानाथ मल्लाह, अबू ताहेर बेपारी, बिनंदा सैकिया और जयंत मल्लाह बरूआ, बिस्व शर्मा आदि शामिल हैं।

भाजपा को असम में लाभ मिलने की संभावना है। दरअसल असम में कांग्रेस को एंटी इनकंबेंसी अर्थात् सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में जून 2016 में चुनावों का आयोजन होना है। असम में भाजपा जीत के अवसर तलाशेगी और माना जा रहा है कि यहां भी मोदी लहर हावी हो सकती है। प्रमुख बात यह है कि प्रधानमंत्री प्रारंभ से ही उत्तरपूर्व और पूर्वोत्तर की बातें करते रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि असम में भारतीय जनता पार्टी की संभावनाऐं बढ़ सकती हैं और यहां भी भाजपा कांग्रेस मुक्त शासन की बात कर सकती है। 

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