800 करोड़ रुपये में होंगे जल शुद्धिकरण संयंत्र स्थापित

नई दिल्ली: दूषित पेयजल से संबधित आकड़े देख कर आप चौक जायेंगे. लोकसभा को आज यह जानकारी दी गई. देश में दस करोड़ से अधिक लोग फ्लोराइड की अधिक मात्रा वाले पानी का सेवन कर रहे हैं. लोकसभा में प्रश्न काल के दौरान पेयजल और स्वच्छता मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने बताया कि समस्या से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने 800 करोड़ रुपये जारी किए हैं ताकि सामुदायिक जल शुद्धिकरण संयंत्र स्थापित किए जा सकें.

उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने 22 मार्च को राष्ट्रीय जल गुणवत्ता मिशन की शुरुआत की ताकि करीब 28 हजार फ्लोराइड और आर्सेनिक प्रभावित बस्तियों को चार वर्ष के अंदर सुरक्षित पेयजल मुहैया करायी जा सके. आयोग की अनुशंसा के मुताबिक भारत सरकार ने मार्च 2016 में 800 करोड़ रुपये जारी किए थे ताकि 1327 आर्सेनिक प्रभावित और 12014 फ्लोराइड प्रभावित बस्तियों में पानी का शुद्धिकरण किया जा सके. उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों में 12577 बस्तियों में रह रहे.

करीब दस करोड़ छह हजार लोगों को पेयजल में फ्लोराइड की अधिक मात्रा मिल रही है. तोमर ने कहा, "आर्सेनिक और फ्लोराइड के दूषण से निपटने के लिए नीति इसके अतिरिक्त पश्चिम बंगाल और राजस्थान में आर्सेनिक और फ्लोराइड की समस्याओं से निपटने के लिए सौ-सौ करोड़ रुपये का कोष मुहैया कराया गया है ताकि पाइप से पानी की आपूर्ति की जा सके."

 

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