जन सेवकों के सस्ते भोजन पर 74 करोड़ की सब्सिडी

नई दिल्ली :.आपको यह जानकर अचरज होगा कि संसद सदस्यों को संसद की कैंटीनों से सस्ता भोजन उपलब्ध कराने पर पांच वर्षो में 74 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई.

उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश के नीमच निवासी सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ द्वारा सूचना के अधिकार के तहत सांसदों को रियायती दर पर मिलने वाले भोजन के चलते सदन या सरकार पर पड़ने वाले आर्थिक भार की जानकारी मांगी थी,उससे यह खुलासा हुआ कि पांच सालों में सांसदों के सस्ते भोजन पर 73,85,62,474 रुपये की सब्सिडी दी गई.लोकसभा सचिवालय की सामान्य कार्य शाखा के उप-सचिव मनीष कुमार रेवारी ने यह ब्यौरा दिया है,उससे यह स्पष्ट हुआ कि माननीय सेवकों ने हर वर्ष सिर्फ कैंटीन में किए गए भोजन से सरकार पर औसतन 15 करोड़ का भार बढ़ाया.

आपको यह भी बता दें कि जहां सांसदों को लगभग डेढ़ लाख रुपये मासिक पगार व भत्ते मिलते हैं, वहीं बिजली, पानी, आवास, चिकित्सा, रेल और हवाई जहाज में यात्रा सुविधा मुफ्त मिलती है। इतना ही नहीं, एक बार निर्वाचित होने पर आजीवन पेंशन का भी प्रावधान है. इसके बावजूद इन्हें संसद के कैंटीन में सस्ता भोजन उपलब्ध करवाया जाता है.ऐसे में सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ की यह मांग उचित लगती है कि प्रधानमंत्री मोदी ने जिस तरह गरीबों को रसोई गैस देने के लिए सक्षम परिवारों से सब्सिडी छोड़ने की अपील की थी, उसी तरह सांसदों को कैंटीन से सस्ता खाना उपलब्ध कराने के लिए दी जाने वाली सब्सिडी का लाभ न लेने की अपील करेंगे. देखना यह है कि उनकी यह उम्मीद कब पूरी होती है.

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