भारत ने चीन के नेतृत्व वाले AIIB पर हस्ताक्षर किये

बीजिंग: भारत सहित 50 संस्थापक देशों के प्रतिनिधियों ने आज चीन के नेतृत्व वाले 100 अरब डालर के बहुपक्षीय एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक की स्थापना से जुड़े करार पर हस्ताक्षर किये. इस 60 अनुच्छेदों वाले करार में हर सदस्य की हिस्सेदारी और बैंक संचालन ढांचे तथा नीति निर्माण प्रणाली का विवरण दिया गया है. जिसकी स्थापना बुनियादी ढांचा क्षेत्र को ऋण प्रदान करने के लिए की गई है.

ग्रेट हॉल आफ द पीपुल में अनुबंध पर हस्ताक्षर के लिये आयोजित समारोह में हिस्सा लेने के लिए 50 संस्थापक देशो के शिष्टमंडल यहाँ एकत्रित हुए.आस्ट्रेलिया इस अनुबंध पर हस्ताक्षर करने वाला पहला राष्ट्र रहा जिसके पश्चात 49 अन्य सदस्यों ने हस्ताक्षर किये. सात अन्य देश वर्ष के अंत तक हस्ताक्षर करेंगे. करार के अनुसार एआईआईबी की प्राधिकृत पूंजी 100 अरब डालर होगी. इस समूची पूंजी में एशियाई देशों की हिस्सेदारी 75 प्रतिशत सुनिश्चित की गयी है. अनुबंध के आधार पर हर  सदस्य को उनके आर्थिक आकार के आधार पर कोटा आवंटित किया जाएगा.

सरकारी समाचार एजेंसी के आधार पर ‘इसमें चीन, भारत और रूस तीन सबसे बड़े भागीदार होंगे जिनकी क्रमश: 30.34 प्रतिशत, 8.52 प्रतिशत और 6.66 प्रतिशत भागीदारी होगी. उनके मतदान का अधिकार 26.06 प्रतिशत, 7.5 प्रतिशत और 5.92 प्रतिशत निश्चित किया गया है’ एआईआईबी की स्थापना एशिया महाद्वीप में मूलभूत परियोजनाओं के निर्माण के वित्तपोषण के लिए की गयी है. एआईआईबी के पास ऋण देने के लिए अरबों डालर होंगे और इस बैंक का परिचालन इस वर्ष  प्रारम्भ होने की आशा है.

हस्ताक्षर होने के बाद संस्थापक सदस्य देश अनुबंध को अपने-अपने देश में ले जायेंगे और वहां इसे स्वीकार करने के लिये कानूनी प्रक्रिया को पूर्ण करेंगे. चीन के वित्त मंत्रालय द्वारा यह बात कही गयी. अमेरिका और जापान इस बैंक में समिल्लित नहीं हुए है.

हस्ताक्षर समारोह के अवसर पर चीन के वित्त मंत्री लु जिवेई ने कहा कि एआईआईबी अपने परिचालन, नीति निर्माण और प्रबंधन में उच्च मानकों और अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन किया जाएगा जिससे दक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके. चीन के वित्त मंत्रालय ने बताया कि अनुबंध पर हस्ताक्षर के बाद संस्थापक सदस्यों के प्रतिनिधि कानूनी आधार पर इसे स्वीकार करने की प्रक्रिया के लिए इसे अपने देश लेकर जाएंगे.

वही, वाशिंगटन में विश्व बैंक के अध्यक्ष जिम योंग किम ने एआईआईबी अनुबंध पर हस्ताक्षर का स्वागत किया है. उन्होंने एक बयान में बोला ‘मैं एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक के सभी संस्थापक सदस्यों को आज नए विकास संस्थान की स्थापना पर हार्दिक बधाई देता हूं.’ उन्होंने बोला ‘बुनियादी ढांचे के लिए और वित्तपोषण से गरीबों की सहायता होगी और हमें चीन और अन्य के साथ काम करने में प्रसन्नता होगी ताकि एआईआईबी जल्द प्रगति कर सके’ उन्होंने कहा कि विकासशील देशों की बुनियादी ढांचा निवेश की आवश्यकता किसी एक संस्थान के लिहाज से बहुत ज्यादा है. विश्व बुनियादी ढांचे पर करीब 1,000 अरब डालर निवेश करता है लेकिन इसका बड़ा भाग विकसित देशों को जाता है.

विश्व बैंक ने बताया कि उभरते बाजार और निम्न आय वाले देशों के बुनियादी ढांचे पर खर्च में 1,000-1,500 अरब डालर का अंतर है. किम ने कहा ‘हम मानते है कि हम एआईआईबी को नए महत्वपूर्ण हिस्सेदार के रूप में देखते हैं जो गरीबी उन्मूलन के साझा उद्देश्य को प्राप्त करने में सहायता करेगा. एआईआईबी का प्रस्ताव अक्तूबर 2013 में चीन के राष्ट्रप्ति शी चिनफिंग ने दिया था. एक वर्ष बाद चीन, भारत, मलेशिया, पाकिस्तान और सिंगापुर सहित 21 एशियाई देशों ने इस बैंक की स्थापना के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किये थे.

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