5 करोड़ केस पेंडिंग ! मगर सर्दियों की छुट्टियों में काम नहीं करेगी सुप्रीम कोर्ट- CJI की दो टूक

नई दिल्ली: केंद्र सरकार और सर्वोच्च न्यायालय के बीच टकराव निरंतर बढ़ता जा रहा है। गुरुवार (15 दिसंबर) को कानून मंत्री ने संसद में शीर्ष अदालत को नसीहत दी, तो आज शुक्रवार को चीफ जस्टिस (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने सरकार को दो टूक जवाब जवाब दिया। CJI का कहना था कि कोई भी केस छोटा नहीं होता। वहीं, सर्दी की छुट्टियों (Winter Break) में कोर्ट चलने के सवाल पर CJI का कहना था कि इस दौरान कोई बेंच नहीं बैठने वाली है।

दरअसल, कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने बीते दिन न्यायालयों में लंबित पड़े मामलों को लेकर सर्वोच्च न्यायालय को नसीहत दी थी। कानून मंत्री का कहना था कि सरकार, न्यायालय के कामों में दखल नहीं देना चाहती, मगर 5 करोड़ मामले देश की विभिन्न अदालतों में पेडिंग पड़े हुए हैं। सरकार की चिंता उन लंबित मामलों को लेकर है और जनता को इंसाफ दिलाने को लेकर है। कानून मंत्री ने ये भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के साथ दूसरे उच्च न्यायालयों में भी जो जजों के पद खाली हैं, वो चिंता में डालने वाली बात है। सरकार के पास अच्छे न्यायमूर्तियों की सिफारिशें नहीं आतीं।

दरअसल, कानून मंत्री का कहना था कि संविधान ने सरकार को अधिकार दिया था कि वो न्यायालयों में रिक्त पदों को भरे। मगर 1993 के बाद स्थिति अचानक बदल गई। किरेन रिजिजू ने अदालतों में होनी वाली लंबी छुट्टियों पर भी तीखा तंज कसा था। उनका कहना था कि इतने केस पेंडिंग होने के बाद भी जज लंबी छुट्टी पर जाते हैं। कानून मंत्री का ये भी कहना था कि सर्वोच्च न्यायालय को संवैधानिक मामलों की सुनवाई करनी चाहिए। छोटे-मोटे मामलों में नहीं पड़ना चाहिए।

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