मालगाड़ी का वज़न नापने में गड़बड़ी, 4000 करोड़ की हेराफेरी

नई दिल्ली : सीबीआई ने मालगाडि़यों में लदान को कम दिखाकर करोड़ों का घोटाला करने की आशंका के चलते जांच की मांग की है। इस दौरान वित्तीय वर्ष 2012 - 2013 में रेलवे द्वारा 1008 मिलियन मीट्रिक टन माल की ढुलाई की गई। यही नहीं इस तरह की ढुलाई से लगभग 85262 करोड़ रूपए कमाए गए। बताया जा रहा है कि वास्तविक आय इससे कहीं अधिक हुई थी। सीबीआई के अधिकारियों ने जांच के दौरान इस बात की संभावना जताई है कि विभिन्न स्थानों पर छेड़छाडत् करने के साथ ही क्षमता से अधिक लदान छुप गया और डिब्बे का वनज अपनी सीमा में ही नज़र आया। 
मिली जानकारी के अनुसार माल के वास्तविक वनज को महज 5 प्रतिशत कम दर्शाने से वर्ष 2012- 13 के आंकड़ों में 4263 करोड़ रूपए का अंतर हुआ। इस हेरफेर के बाद सरकारी खजाने को नुकसान की आशंका जताई जा रही है। रेलवे में सामने आए इस तरह के भ्रष्टाचार से इसकी साख पर असर पड़ा है। अभी तक माना जा रहा था कि रेलवे एक ऐसा विभाग है जिसमें सरकारी कार्य अपेक्षाकृत अन्य विभागों के अधिक पारदर्शिता से होता है, छोटे मोटे हेरफेर को भी विभाग रोकने में सक्षम हो गया है मगर इस तरह की जांच की बात सामने आने से रेलवे की प्रतिष्ठा प्रभावित हो सकती है। 
मिली जानकारी के अनुसार रेलवे ने शोध विकास और मानक संगठन के साथ मिलकर देशीर में कई स्थानों पर सामान का वनज मापने के लिए 200 इलेक्ट्राॅनिक इन मोशन वे ब्रिजेज बनाए। इनकी खासियत यह थी कि ये अपने उपर से गुजरने वाले रेलवे वेगन का वजन आंक लेते थे। मिली जानकारी के अनुसार रेलवे के सतर्कता विभाग ने जब इस ओर ध्यान दिया तो माल वैगन के वजन लेने में खामियां सामने आईं। इसके बाद तत्काल सीबीआई जांच की मांग की गई और सीबीआई ने इस मसले पर जांच प्रारंभ की।

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