30 प्रतिशत वकीलों के पास है फर्जी डिग्री

नई दिल्ली : देश भर से फर्जी वकीलों को वकालत के पेशे से खदेड़ने की तैयारी शुरु हो गई है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा ने कहा कि वकीलों के प्रमाणपत्र के वेरीफिकेशन की जो प्रक्रिया चलाई गई थी, उसके परिणाम स्तब्ध करने वाले आए है। एक अनुमान के आधार पर उन्होने कहा कि करीबन 30 प्रतिशत वकीलों की डिग्रियां फर्जी है।

चेयरमैन ने कहा कि सभी वकील नए फॉर्मेट में अब अपना रजिस्ट्रेशन कराए और 10वीं सेलेकर सभी डिग्रियों के प्रमाणपत्र भी जमा कराएं। इन प्रमाणपत्रों की जांच भी संबंधित विश्वविद्दालय से कराई जाएगी और ये सारी प्रक्रिया 2016 तक समाप्त कर ली जाएगी। साथ ही उन्होने यह भी कहा कि जिन वकीलों ने पिछले 5 सालों से प्रैक्टिस नहीं की है, उनकी डिग्री तो बनी रहेगी लेकिन उन्हें प्रैक्टिस करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

मिश्रा ने यह भी बताया कि बार काउंसिल राज्य सरकार के सहयोग से विभिन्न राज्यों में राष्ट्रीय स्तर की लॉयर्स एकेडमी भी बनाएगी, जहां वकीलों को तीन माह का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके तहत पहली एकेडमी कोच्चि में, दूसरी झारखंड में खोली जाएगी। इसके बाद जबलपुर में भी खोली जाएगी।

Related News