नेपाल का पहला संविधान मसौदा संसद में होगा प्रस्तुत,किया जायेगा विचार- विमर्श

काठमांडू : लंबे समय से संविधान मसौदे पर लगी अटकलों पर आखिरकार मसौदे समिति ने जीत हासिल कर ही ली. अब देर है तो सिर्फ इसके लागु होने की, इसके बाद नेपाल भी धर्म निरपेक्ष, समावेशी और बहु जातीय देश के नाम से पहचाना जायेगा. काफी समय की अटकनो के बाद संविधान मसौदे को मंजूरी मिल गयी है. अब इस मसौदे को 601 सदस्यीय संविधान सभा में प्रस्तुत किया जाएगा जहां इस पर विचार-विमर्श होगा. इस मसौदे को नेपाल की राजनीतिक पार्टियों के बीच 16 बिंदुओं पर हुए समझौते के आधार पर तैयार किया गया है. 

नेपाल की 4 बड़ी पार्टियां 8 जून को इस समझौते पर पहुंची थीं. संविधान सभा में इन 4 पार्टियों के 90 फीसद से अधिक प्रतिनिधि हैं. संविधान सभा ने समिति को नए संविधान का मसौदा तैयार करने और उसे पेश करने के लिए 15 दिनों की अवधि दी थी और समिति ने उस समयसीमा का पालन किया. नए संविधान के प्रावधानों के मुताबिक, नेपाल को धर्मनिरपेक्ष, समावेशी और बहुजातीय देश कहा जाएगा. यह इकलौता देश था जिसे संवैधानिक तौर पर हिदू राष्ट्र घोषित किया गया था.

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