प्रदूषण में नंबर वन दिल्ली देगी 16,500 पेड़ों की बलि

दिल्ली: प्रदूषण दिल्ली आज सबसे बड़ा संकट है और सरकार के लिए किसी मुसीबत से कम नहीं. देश और दुनिया में प्रदुषण के मुद्दे पर दिल्ली की किरकिरी हो चुकी है वही NGT और केजरीवाल सरकार के बीच खींचतान जग जाहिर है. इन सब के बावजूद 7 बड़े हाउसिंग प्रॉजेक्ट के कारण राष्ट्रीय राजधानी के दक्षिणी इलाकों में 16,500 पेड़ों की कटाई का प्लान तैयार कर लिया गया है. इसी के साथ विरोध भी शुरू हो चुके है. परियोजनाओं के वास्ते नैरौजी नगर 1465 पेड़  नेताजी नगर में 3,033 ,कस्तुरबा नगर में 520 और मोहम्मदपुर में 447 पेड़ काटे जाने है. 

इसके विरोध में अब पर्यावरण वकील आदित्य एन प्रसाद ने इस संबंध में एनजीटी में याचिका दाखिल की है और उन्होंने मांग की है कि मौजूदा योजना में पेड़ों को भी शामिल किया जाए. प्रसाद ने कहा, 'वन विभाग के पास इतनी अधिक संख्या में पेड़ों को काटने की मंजूरी रद्द करने का अधिकार है. लेकिन इसने इन परियोजनाओं को लेकर ऐसा नहीं किया. न तो विभाग रोपे गए पौधे के सर्वाइवल रेट की निगरानी कर रही है या न ही इस बात का ट्रैक रख रही है पौधे कहां लगाए जा रहे हैं. इसने पूरे अभ्यास को निरर्थक कर दिया है.' 

उधर, एनबीसीसी के चेयरमैन ए.के. मित्तल का कहना है कि नए हाउसिंग कॉम्प्लेक्स को यथासंभव हरा रखा जाएगा और कॉलोनियों में उसकी जगह अधिक से अधिक पौधे लगाए जाएंगे. उन्होंने कहा, 'नया मोती बाग कॉम्प्लेक्स इसका उदाहरण है, आप देख सकते हैं कि यह कितना हरा है.' 

 

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