आखिर मिल ही गई दुसरो के कन्धे पर रख कर बन्दूक चलाने वाली बन्दूक

वो कहावत तो सुनी होगी ना आपने "दूसरे के कंधे पर रख कर बन्दूक चलाना" बहुत ही प्रचलित कहावत है सभी ने सुनी होगी। तो इसका मतलब आप समझते हैं। शायद ही समझते होंगे। खैर हम बात कर रहे हैं आज उसी बन्दूक की। हैरान हो गए ?कि हम क्या बोल रहे हैं। दरअसल ये कहावत सच साबित हो गयी है। जी हाँ,एक ऐसी ही बन्दूक के बारे में हमे पता चला जो दुसरो के कंधे पर रख कर चलायी जाती है। आइये बताते हैं उसके बारे में।

दरअसल,सोशल मीडिया ये तस्वीर काफी वायरल हो रही है। और इसे पसन्द भी किया जा रहा है। आखिर वो बन्दूक मिल जो गई। जैसा कि आप देख सकते हैं कि ये तस्वीर उस लंबी बन्दूक की है जिसे दो व्यक्तियों ने थाम रखा है। एक उसे सम्भल रहा है तो दूसरा ट्रिगर दबा रहा है। और इसे देखते हुए ही उस कहावत से जोड़ दिया गया है। इस फोटो को देख कर यही लगता है कि ये विदेशी तस्वीर है।

क्योंकि इसमें इन व्यक्तियों ने विदेशी कपडे पहन रखे हैं। हनुमानगढ़ जिले के संगरिया कस्बे में ग्रामोत्थान विद्यापीठ परिसर स्थित सर छोटूराम कलात्मक संग्रहालय में भी इस तरह की बंदूकें हैं। इन बंदूकों की लंबाई के कारण इसे दो व्यक्तियों की ज़रूरत पड़ती थी। इन बंदूकों की लम्बी लगभग दस से बारह फ़ीट लम्बी होती थी। इनको लम-छड़ बंदूक भी कहा जाता था।

क्या आपने देखी है नकलची बतख ये हैं दुनिया की सबसे कम उम्र की बेहद खूबसूरत मॉडल

3000 साल पुराना पेड़ देगा केंसर से छुटकारा

क्या देखा कभी ऐसा Body Builder Bull

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Related News