JNU के छात्रों ने किया महिला टीचर्स और वरदान पर हमला, एसोसिएशन से हटे 113 टीचर

नई दिल्ली: दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में छात्रों और प्रशासन के बीच खींचतान के बाद अब जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन (JNUTA) में दरार पड़ गई है। टीचर्स का इल्जाम है कि टीचर्स संघ ने जेएनयू को आज़ादी ब्रिगेड बना दिया है। इसी नाराजगी की वजह से 113 टीचर इस एसोसिएशन से अलग हो गए हैं।

टीचर्स ने JNUTA पर छात्रों के बीच मौजूद असामाजिक तत्वों को बढ़ावा देने का इल्जाम लगाया है। आरोप है कि छात्रों ने महिला प्राध्यापकों और वार्डन पर हमला किया। इतना ही नहीं, उनके बच्चों और परिवार को भी बंधक बनाकर प्रताड़ित किया गया, इसके बाद भी JNUTA ने चुप्पी साध रखी। एसोसिएशन से अपने आप को अलग करने वाले यूनिवर्सिटी के टीचर अश्विनी महापात्रा ने इस संबंध में अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से ट्वीट किया।

महापात्रा ने अपने ट्वीट में लिखा है कि जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में चल रहे गतिरोध के लिए JNUTA जिम्मेदार है। छात्रों के इस आंदोलन को वामपंथियों की मंडली नियंत्रित कर रही है। जेएनयू को आजादी ब्रिगेड के बड़े केंद्र में तब्दील किया जा रहा है। इसलिए हम 113 टीचर्स ने जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन से अलग होने का फैसला लिया है । आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों से JNU के छात्र फीस वृद्धि को लकर प्रदर्शन कर रहे हैं।

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