रिलायंस जियो और अन्य भारतीय टेलीकॉम कंपनियों में चल रहे विवाद को लेकर किसी भी तरह का परिणाम नजर नही आ रहा था. कुछ कंपनियों ने तो इंटरकनेक्ट मुहैया करवाने पर अपनी सहमति दे दी है. किन्तु ऑपरेटरों के बीच इंटरकनेक्ट को लेकर बात नही बन पा रही है. ऐसे में इस मुद्दे पर जारी विवाद भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के पास पहुँच गया था. किन्तु अभी तक इसका कोई समाधान नही निकल पाया है. जिसके चलते रिलायंस जियो ने फिर से कहा है कि इंटरकनेक्ट प्वाइंट की संख्या में कोई इजाफा नही होने पर अभी भी 10 करोड़ कॉलड्रॉप रोजाना हो रही है. जियो ने एयरटेल और वोडाफोन पर इस बात का आरोप लगते हुए कहा है कि पर्याप्त PoI उपलब्ध नहीं कराना ट्राई के नियमों का साफ तौर पर उल्लंघन है. वही एयरटेल के मोबाइल नंबर पोर्टेब्लिटी पर रोक लगाने को भी कानून का उलंघन बताया है. जियो द्वारा कहा गया है कि कॉल ड्राप होने की जिम्मेदार रिलायंस जियो नही है बल्कि इंटरकनेक्ट प्वाइंट मुहैया नही करवाने वाली कंपनिया है. आईडिया और जियो के बीच हुआ करार, आसानी से होगी अब कॉल