इस World Health Day पर केमिकल से भरे फलों को कहें 'ना' !
इस World Health Day पर केमिकल से भरे फलों को कहें 'ना' !
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आज है World's Health Day यानी विश्व स्वास्थ्य दिवस। इसका अर्थ तो आप समझ ही गए होंगे। खुद को हेल्थी और फिट रखना ही हमारे लिए स्वास्थ के लिए फायदेमंद है। आजकल बाजार में जो भी वस्तुएं आती हैं वो कहीं ना कहीं अप्राकृतिक तरीके से पकाई जाती हैं जो हमारी सेहत के लिए हानिकारक हो सकती हैं। चाहे वो फल हो या फिर सब्जी हो, हर वस्तु में मिलावट आती है।

हम फल, सब्जी आदि जब भी खरीदते हैं तो कई बार ऐसी फल और सब्जी पाते हैं जो बाहर से हमे कच्ची लगती हैं लेकिन अंदर से इंजेक्शन के ज़रिये पकाई जाती है। सबसे ज्यादा इन्ही चीजों से हमारे शरीर को नुकसान होता है। अगर ऐसा भी ना हो तो फल और सब्जियां अक्सर गन्दी जगहों पर उगाई जाती हैं जहाँ लगभग दुनिया भर की गन्दगी मौजूद होती है।

इससे बेहतर है कि फल और सब्जियों को अच्छे से धो कर ही खाया जाया। इन्हीं फलों और सब्जियों को पकाने के लिए बेचने वाले इनमे केमिकल का इस्तेमाल करते हैं। कहते है फल और हरी सब्जी खाने से हम स्वस्थ रहते हैं लेकिन अगर यही फल और हरी सब्जी में रसायन मिलाये जाये तो हमारी सेहत को नुकसान ही होना है।

फल और सब्जियों की ही बात नही है बल्कि बात बाहर मिलने वाले जंक फ़ूड और फ़ास्ट फ़ूड की भी है। बाहर मिलने वाली खाने की ये चीज़े अक्सर ख़राब हो जाती है। रास्ते की धूल और गाड़ियों के पॉलूशन से खाने चीजों पर बहुत ही गन्दा प्रभाव पड़ता है जो सीधे हमारे शरीर में जाता है जिससे हम बिमारियों से ग्रसित हो सकते हैं या किसी भी बड़ी बीमारी के चंगुल में आ सकते हैं।

सेहत का ख्याल रखना हमारा एक मात्र उद्देश्य भी होता है। क्योंकि हम स्वस्थ रहेंगे तभी मस्त रह पाएंगे। इन्ही सब के साथ रोग और बीमारियां बढ़ती जाती हैं। इससे अच्छा है हम इसे पहले ही रोक ले। इससे हमे भी परेशानी सहनी नही पड़ेगी। हम बिना कुछ सोचे समझे बाजार की वस्तुओं का बेझिझक इस्तेमाल करते हैं जिसके कई दुष्प्रभाव सामने भी आते हैं।

कई बार हम छोटी छोटी बीमारियों को गंभीरता से ना लेकर उन्हें सरलता से लेते हैं जिससे रोग का सही समय पर पता लग पाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में कई बार देर हो जाती है और असमय ही लोगों को मौत का सामना करना पड़ता है।

इसी के लिए 1948 में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन द्वारा 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाने की जो बात कही गई है। यानी हर साल ये 7 अप्रैल को मनाया जाता है। जिसका सही कारण है कि आने वाले कल को भय मुक्त और रोग मुक्त बनाया जाये।

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