क्या है रूट कैनल?
क्या है रूट कैनल?
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दांत की तकलीफ न बढ़े, इसके लिए तमाम तरह के उपाय किए जा सकते हैं. मगर यदि सड़न की वजह से दांतों के गिरने की नौबत आ रही है, तो एक ही उपाय है, आरसीटी. आरसीटी यानी रूट कैनल ट्रीटमेंट. यह एक ऐसी विधि है, जिसके जरिये दांतों से संक्रमित हो चुके प्राकृतिक पल्प को निकालकर उसकी जगह कृत्रिम पल्प लगाया जाता है और दांतों में मौजूद नसों के संजाल की सफाई की जाती है. यह तकनीक दांतों को नया जीवन देती है. हालांकि आरसीटी किए दांत में खून का बहाव नहीं होता और वह संवेदनहीन हो जाता है. बावजूद इसके वह बखूबी अपना काम करता है. 

यह करीब 30-40 वर्ष पुरानी तकनीक है, जो पिछले 15 वर्षों में खूब प्रचलित हुई है. अब इसके लिए दांतों को निकालना नहीं पड़ता. हाल के वर्षों तक आरसीटी को दुखदायी इलाज माना जाता था. फाइल और रीमर जैसे औजार स्टेनलेस स्टील के होते थे और मैनुअल तरीके से दांतों के अंदर की नसों को साफ किया जाता था. तब इलाज के क्रम में चार-पांच बार डॉक्टरों के पास जाना जरूरी होता था और अगर कीटाणु का प्रभाव बढ़ जाता, तो मरीज को दर्द निवारक दवाइयां और एंटीबायोटिक दिए जाते थे. 

यह तकनीक करीब दो दशकों तक प्रचलन में रही. साल 2000 के दशक की शुरुआत में निकल टाइटेनियम रोटरी फाइल का उपयोग शुरू हुआ. यानी जिन सुई का इस्तेमाल पहले मैनुअल तरीके से होता था, उसके लिए मशीन आ गई. निकल टाइटेनियम अपेक्षाकृत लचीला होता है, इसलिए दांत की भीतरी जड़ों को साफ करना आसान हो गया. नतीजतन एक या दो विजिट में ही मरीजों का काम होने लगा. इससे सफलता की दर भी 65-70 फीसदी से बढ़कर 90 फीसदी तक पहुंच गई. 

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