SC के फैसले का स्वागत, अब सरकार को कानून बनाने में नही होगी दिक्कत : मेनका
SC के फैसले का स्वागत, अब सरकार को कानून बनाने में नही होगी दिक्कत : मेनका
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नई दिल्ली : तीन तलाक पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया है. सुप्रीम कोर्ट ने वो फैसला सुनाया जिसका इंतजार देश की तमाम मुस्लिम महिलाए कर रही थी. कोर्ट ने आज से देशभर में तीन तलाक को असंवैधानिक बताते हुए आज से रोक लगा दी है. यह फैसला पांच जजों की पीठ में बहुमत से आया है. तीन जज इस फैसले के समर्थन में थे. इस फैसले के बाद देशभर में ख़ुशी का माहौल हे. मुस्लिम महिलाए मिठाइयां बांट रही है. सुप्रीम कोर्ट ने 6 महीनो के लिए तीन तलाक पर रोक लगा दी है.

केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला अच्छा कदम है, बहुत सालों से औरतें पीड़ित थीं. उन्होंने कहा कि कोई भी नहीं चाहेगा कि उनके आधे लोग पीड़ित हो. कोई भी धर्म और सामाजिक सिस्टम नहीं चाहेगा कि उनके आधे लोग पीड़ित हो. मेनका गांधी ने कहा कि सरकार इस पर जरूर कानून बनाएगी, जल्द कानून में बनाने में कोई दिक्कत नहीं होगी. संविधान में सभी के लिए समान अधिकार हैं.

केंद्रीय मंत्री बोलीं कि यह छोटा कदम है लेकिन एक अच्छा कदम, हम लोगों को बहुत दूर जाना है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने महिलाओं के हित के लिए बड़े कदम उठाएं, उनका हित चाहा है महिलाओं का. कुछ लोगों के विरोध पर मेनका गांधी का कहना है कि परंपराए जो है पत्थर की लकीर तो नहीं है. जैसे-जैसे जमाना बदलता है, वैसे-वैसे सब को बदलना पड़ेगा.

इस मामले में मुख्य न्यायधीश ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि केंद्र संसद में अपनी तरफ से कानून बनाए. सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला केंद्र की मोदी सरकार के लिए एक बड़ी जीत है. सुप्रीम कोर्ट के कमरा नंबर 1 में इस मामले की सुनवाई हुई. इस मामले की याचिका कर्ता सायरा बानो भी फैसले के दौरान कोर्ट में मौजूद रही, इस मामले में मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने सुनवाई की. सभी जस्टिस सभी धर्म के थे.

गौरतलब है कि इस गंभीर मसले पर विचार के लिए मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर, न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ, न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन, न्यायमूर्ति यूयू ललित और न्यायमूर्ति अब्दुल नजीर की पीठ ने एक बार में तीन तलाक की वैधानिकता पर बहस सुनी. उल्लेखनीय है कि इसमें पांच विभिन्न धर्मों के लोग शामिल हैं.

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