ऑटो एग्रीगेटर्स के कारण भारत में बढ़ी थ्री-व्हीलर्स की सेल्स
ऑटो एग्रीगेटर्स के कारण भारत में बढ़ी थ्री-व्हीलर्स की सेल्स
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भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा थ्री-व्हीलर मार्केट है. लेकिन भारत का थ्री-व्हीलर बाजार अब बदलाव के दौर से गुजर रहा है. क्योकि ओला जैसी कंपनियों के आने से थ्री व्हीलर के लिए नए अवसर पैदा हो रहे है. शहरी मुसाफिरों को कनेक्टिविटी मुहैया कराने के लिए ओला आक्रामक तरीके से थ्री-व्हीलर ट्रांपोर्टेशन सिस्टम का विस्तार कर रही है.

थ्री-व्हीलर यानि ऑटोरिक्शा मार्केट के सालाना बिजनेस में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी तक़रीबन करीब 10 फीसदी है. देश की राजधानी दिल्ली में ऑटोरिक्शा के फ्रेश परमिट जारी किये जाने की सम्भावना है. जिससे छोटी अवधि में 30000 से 40000 यूनिट्स ऑटो रिक्शा जुड़ सकते है.

ओला और उबर के बढ़ते चलन को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने अपने ऐप आधारित बिजनेस मॉडल के तहत ब्लैक एन्ड यलो ऑटो रिक्शा और कैब लाने की ईच्छा जताई है.

एक खबर के मुताबिक अगले कुछ साल में थ्री-व्हीलर मार्केट 10 लाख यूनिट के प्रोडक्शन का आंकड़ा [पार कर सकता है. इसका घरेलू मार्केट 5 .5 लाख यूनिट्स के पिछले रिकॉर्ड स्तर को पार कर 6 - 7 लाख यूनिट्स पर पहुँच चूका है. पैसेंजर ढोने वाले थ्री-व्हीलर्स की संख्या 2019 20 तक 5 लाख यूनिट्स पहुँच जाने की सम्भावना है.

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