सुषमा स्वराज राष्ट्रमंडल शिखर सम्मेलन का हिस्सा होने के लिए माल्टा गई
सुषमा स्वराज राष्ट्रमंडल शिखर सम्मेलन का हिस्सा होने के लिए माल्टा गई
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नई दिल्ली: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज कल से शुरू होने वाले अंतरराष्ट्रीय राष्ट्रमंडल शिखर सम्मेलन का हिस्सा होने के लिए आज माल्टा के लिए प्रस्थान कर गयी। इस सम्मेलन में आतंकवाद, मौसम परिवर्तन और कट्ट्रवादी और हिंसकवादी पंथो से लड़ना आदि विभिन्न मुद्दो पर चर्चा होगी । चर्चा स्वराज भारत की और से अपना पक्ष रखेगी।

पेरिस हुए भीषण आंतकी हमलों के दो सप्ताह बाद ब्रिटेन के उपनिवेश रह चुके 53 देशों के ब्लाॅक का शिखर सम्मेलन आयोजित हो रहा है जहां विभिन्न अंतराष्ट्रीय मुद्दो पर चर्चा की जायेंगी। और इस सम्मेलन में आतंकवाद और कट्टर और हिंसक चरमपंथ से लड़ने जैसे विश्वव्यापी मुद्दे पर प्रमुखता से चर्चा होंगी। भारत राष्ट्रमंडल का सबसे बड़ा सद्स्य देश है। और इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भारत की और से अपना मजबूत पक्ष रखेगी। इस सम्मेलन में 30 से ज्यादा राष्ट्र एवं शासन प्रमुखों के शिरकत करने की संभावना हैं।

भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने अपने ट्विट के जरिये कहा की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भारत की और से चोगम शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए माल्टा रवाना. विभिन्न देशव्यापी मुद्दो पर चलने वाला यह शिखर सम्मेलन तीन दिनों तक चलेगा जिसमें चोगम में जलवायु परिवर्तन जैसे गंभीर और व्यापक मुद्दो पर भी गहनता से चर्चाएं की जायेगी। इस सम्मेलन की शुरूआत होंने से पहले राजनीतिक समर्थन भी जुटाने की कोशिश होगी। सम्मेलन में भारत की और से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज गंभीरता से आतंकवाद और चरमपंथ जैसे मुद्दो पर अपना पक्ष रखेंगी।

इस विश्वव्यापी सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन पर भी एक विशेष सत्र आयोजित होगा, जिसमें जलवायु परिवर्तन जैसे गंभीरतम मुद्दे पर गहनता से चर्चा होंगी एवं पेरिस शिखर सम्मेलन में राष्ट्रमंडल देशों द्वारा एकजुटता के साथ कटिबध्दता पैदा करने पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। इस सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून और फ्रांस के विदेश मंत्री लाॅरेंट फेबियस भी शामिल हो सकते है. यह अंतरराष्ट्रीय चोगम सम्मेलन हर दो साल बाद आयोजित होता है और इस बार की थीम है ‘एडिंग ग्लोबल वैल्यू‘ है. इस सम्मेलन में विभिन्न देशों के प्रतिनिधि हिस्सा लेते है और देशव्यापी मुद्दो पर चर्चा करते हैं।

इस सम्मेलन में आंतकवाद और चरमपंथ के साथ व्यापार तथा आव्रजन और विभिन्न मुद्दो पर भी व्यापक चर्चा हो सकती है. भारत की और से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह साल 2013 में श्रीलंका में 26 साल तक चले गृहयुध्द के दौरान कथित मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर तमिलनाडु के राजनीतिक दलों और क्रांग्रेस के एक तबके विरोध के कारण कोलंबो में आयोजित शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं हुए थे इस कारण विपक्ष का भी भारी विरोध का सामना करना पड़ा था।

वर्तमान में राष्ट्रमंडल देशों की आबादी करीब 2.2 अरब है. इस आबादी में से 60 प्रतिशत से अधिक लोग 30 साल से कम आयु के है. इस समुह में विश्व के कुछ सबसे बड़े देश, कुछ छोटे तथा कुछ सबसे गरीब देश है इसके 31 सद्स्य छोटे देश हैं जिनमें से कई द्वीप देश हैं. महारानी एलिजाबेथ द्वितीय भी इस शिखर सम्मेलन में शामिल हो सकती है दक्षिण पूर्वी यूरोपीय द्वीप देश माल्टा दूसरी बार शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा हैं. इस सम्मेलन में विभिन्न देशों के प्रतिनिधि प्रमुखता से देशव्यापी मुद्दो को उठाते है और अपने देश की ओर से अपना मजबुत पक्ष रखने की कोशिश करते है।

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