Feb 19 2017 04:03 PM
कुंडली में सूर्य की विषयम परिस्थितियां होती है तो संबंधित जातक परेशान हो जाता है, लेकिन इसके बाद भी ज्योतिष शास्त्र मंे ऐसे उपाय बताये गये है जो सूर्य की विषम परिस्थितियों को अनुकल करने में सार्थक सिद्ध होते है। ज्योतिष विद्वानों का यह मानना है कि जब सूर्य नीच का होता है तो वह कष्टदायक होने के साथ ही रोग का कारक भी बनता है।
ऐसी बनती है सूर्य की विषम परिस्थितियां-
सूर्य तुला राशि में सप्तम, अष्टम या फिर द्वादश भव में स्थिति हो और राशिस्थल मंगल सूर्य को चैथी दृष्टि से देखता हो। इसी तरह जन्मकाल या गोचर में वृषभ, तुला, मकर या फिर कुंभ राशि में सूर्य हो। इसके अलावा सूर्य अष्टम में मंगल के साथ हो तो भी सूर्य की अनिष्टता की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
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