नई दिल्ली: केंद्र सरकार के साथ चल रही बातचीत के बावजूद ट्रेड यूनियन 2 सितंबर को हड़ताल करने पर अड़ी हुई हैं.जबकि श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने सेंट्रल ट्रेड यूनियंस से अपने हड़ताल पर जाने के फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया था.
शुक्रवार को ट्रेड यूनियंस ने उनके अनुरोध को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि सरकार उनकी 12 सूत्री मांगों का समाधान करने में असफल रही है. श्रम संगठनों का आरोप है कि हमारी मांगों पर स्टेटस रिपोर्ट पिछले साल की तरह ही है. इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है.ट्रेड यूनियंस ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आवश्यक जिंसों की कीमतों को नियंत्रित करने, न्यूनत्ततम वेतन तय करने और सामाजिक सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं.
इस बीच ऊर्जा एवम कोयला मंत्री पीयूष गोयल और दत्तात्रेय ने प्रस्तावित देश व्यापी हड़ताल के मुद़दे पर श्रम मंत्रालय के अधिकारियों के साथ गहन विचार विमर्श किया.बता दें कि मंत्रीद्वय पीयूष गोयल और बंडारू दत्तात्रय श्रम विवाद पर बनाए गए पांच सदस्यीय मंत्री समूह में शामिल हैं. इस पैनल को सेंट्रल ट्रेड यूनियंस से उनकी 12 सूत्री मांगों पर बातचीत करने की जिम्मेदारी दी गई है.
सूत्रों के अनुसार पैनल ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को पीएफ और मेडिकल सुविधा देने और न्यूनतम वेतन पर सैद़धांतिक तौर पर सहमति जताई थी. हालांकि भारतीय मजदूर संघ ने इस बारे में जल्द से जल्द ऑर्डर जारी करने की मांग की थी
सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस के महासचिव तपन सेन ने कहा कि हड़ताल वापस लेने का सवाल ही पैदा नहीं होता है. इसी तरह से इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन के कांग्रेस के उपाध्यक्ष अशोक सिंह ने भी कहा है कि हम हड़ताल पर जाने के फैसले पर कायम हैं.