नईदिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि फिल्म के दौरान राष्ट्रगान में खड़े होने के लिए लोगों को जबरन नियम में नहीं बांधा जा सकता है। दरअसल सर्वोच्च न्यायालय में इस मामले में सुनवाई हुई इस मामले में केंद्र सरकार ने कहा कि देश में इसे लेकर कानून नहीं है और न ही हम नैतिकता के पहरेदार हैं। गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर यह मांग की गई थी कि सिनेमा हाॅल में फिल्म के प्रदर्शन से पूर्व राष्ट्रगान बजाने की पाबंदी सभी पर लगाई जाए।
यह जानकारी सामने आई है कि लोगों द्वारा कहा गया है कि इस मसले पर बहस हो मगर फिल्म से पूर्व जो राष्ट्रगान बजाया जा रहा है उसमें खड़ा होना अनिवार्य है। उल्लेखनीय है कि दिसंबर 2016 में सर्वोच्च न्यायालय ने सिनेमाघर में राष्ट्रगान की धुन बजाने से पहले दर्शकों के सम्मान में खड़ा होना चाहिए था। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि राष्ट्रगान की धुन बजने के दौरान राष्ट्रध्वज दिखाया जाना अनिवार्य होगा।
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