नई दिल्ली : डीए केस में सजा मिलने के बाद भी शशिकला के तेवरों में नरमी नहीं दिखी.बेंगलुरु के पारापाना अग्रहारा सेंट्रल जेल जाने के लिए जब पुलिस वालों ने शशिकला से खुली जीप में बैठने को कहा तो उन्होंने डपटते हुए बोला कि वो कोई निम्न स्तर की चोर नहीं है. वो खुली जीप में किसी भी हालत में नहीं बैठेंगी. हालाँकि शशिकला की आंखों में आंसू थे, दिमाग में तनाव था, दिल भारी था और जुबां पर गुस्से से भरे कुछ शब्द थे. मरीना बीच पर जयललिता की समाधि पर उन्होंने तीन बार हाथ मारा जो किसी के लिए भी किसी आश्चर्य से कम नहीं था.
इस बारे में पारापाना अग्रहारा सेंट्रल जेल के आसपास मौजूद लोगों ने बताया कि शशिकला ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि दूरी चाहे जितनी भी हो वो पैदल चलकर जेल में दाखिल होंगी. पुलिस अधिकारी बार बार उनसे जीप में बैठने के लिए कहते रहे. लेकिन शशिकला पैदल ही चलती रहीं.लोगों ने बताया कि शशिकला के हाव-भाव से साफ लग रहा था कि वो हैरान और परेशान थीं.
जानकारों का कहना है कि दिवंगत सीएम जयललिता के साथ पहली बार जब वो जेल में दाखिल हुईं थीं, उस वक्त दोनों को कुछ खास सुविधाएं हासिल थी. लेकिन शशिकला को यकीन था कि सुप्रीम कोर्ट उनकी कुछ मांगों पर दरियादिली दिखाएगा. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अपील को ठुकरा दिया.सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा कि शशिकला सजायाफ्ता हैं, उन्हें खास किस्म की सुविधा प्रदान नहीं की जा सकती है.
शशिकला को 108 सेल में रखा गया है, जिसमें एक छोटा सा वॉशरूम है. 108 सेल में शशिकला के साथ उनकी रिश्तेदार इलावारसी को रखा गया है.जेल अधिकारियों केअनुसार शशिकला की जेल में पहली रात बेचैनी में गुजरी. वो रात भर करवटें बदलती रहीं.
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