नाम में क्या रखा है, तैमूर हो या हिटलर!
नाम में क्या रखा है, तैमूर हो या हिटलर!
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महान नाटटकार शेक्सपियर ने कहा था, ‘नाम में क्या रखा है। गुलाब को आप चाहे आप किसी नाम से पुकारों फिर भी वह खुशबू ही देगा। हां भई! बात तो एक दम सही है लेकिन सोशल मीडिया के कुरेदी कीड़ों को यह बात कौन समझाए। 

वैसे, इस बात को हमारे सिस्टम की बुराई कहे या फिर और कुछ। लेकिन जो नाम कुख्यात हुए वह दोबारा से नहीं रखे गए। यह एक सत्य है कि कौन चाहेगा की उसके बेटे का नाम रावण, कंस, हिटलर, ओसामा या और कोई नाम हो। दरअसल, हमारे समाज में यह छवि है कि जैसा नाम वैसा ही काम होगा। यदि बच्चे का नाम कंस है तो वह कंस जैसा ही काम करेगा। जब भी कोई बच्चा बदमाशी करता है तो हम कहते है कि क्यों हिटलर से काम कर रहे हो। यदि किसी का मामा क्रूर और बदमाश हो तो वह स्वभाविक रूप से ही ‘कंस’ मामा कह लाने लगता है। यही स्थिति दूसरे नामों की भी है। 

ताजातरीन उदाहरण देखे तो आपको बता दें कि हिन्दी फिल्मों के मशहूर खलनायक प्राण साहब की बेटी ने सर्वे किया था। उन्होंने सर्वे के दौरान देखा कि उनके पिता यानि प्राण साहब जब हिन्दी फिल्मों में खलनायक के रूप में फेमस हो गए थे उस दशक में कभी लोगों ने बच्चों के नाम प्राण नहीं रखा गया है।

यही स्थिति अमरीश पूरी और प्रेम चोपड़ा के नाम की भी है। आज कोई भी अपने बच्चे के यह नाम रखना पसंद नहीं करते है। वहीं दूसरी और सचिन तेंडुलकर, विराट कोहली, शाहरूख खान, आमिर खान, सलमान खान सहित कई ऐसे चेहते स्टार्स के नाम है जिन्हें लोग पसंद करते है। यदि कोई बच्चा अच्छा क्रिकेट खेलता है तो उसे सचिन या विराट कहा जाता है, यदि कोई बच्चा किक्रेट में लंबे सिक्स मारता है तो उसे हम महेन्द्रसिंह धोनी कहना पसंद करते है, यदि अच्छा डांस करता है तो रितिक या माइकल जैक्सन बुलाते है। यही स्थिति बाकी कामों की भी हैं। 

अब ताजा मसअला है सैफ अली खान और करीना कपूर के बेटे तैमूर अली खान पटौदी। जिसने इस अबोले बालक को महज नाम की वजह से सोशल मीडिया पर अनचाही पहचान दिला दी। सभी जानते है बड़े सितारों की निजी जिंदगी पूरी तरह से अतिक्रमण के हवाले रहती है। हम अपने निजी जिंदगी में कुछ भी करें लेकिन आपके चेहते या दूसरे सितारें ऐसे काम कर दें तो वह एक पल में खलनायक बन जाते है। यही स्थिति सैफ और करीना के बेटे ‘तैमूर’ की है। 

सोशल मीडिया पर रायता उड़लेने वालों के लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि जो नाम सैफीना के बेबी को दिया गया है वह उर्दू का शब्द है। तैमूर का उर्दू में मतलब लोहा, यानि लोहे की तरह मजबूत शख्स और बहादुर होता है।

जानकारी के लिए बता दें कि तैमूर नाम का एक बहादुर राजा भी हुआ है। इस राजा के बारें में बताया जाता है कि वह युध्द में घायल होने के बाद बचने के लिए गुफा में छीप जाता है। जहां वह एक नन्हीं चींटी को देखता है जो दीवार पर चढ़ने की कोशिश कर रही है लेकिन बार -बार गिर जाती है। आखिरकार कई मर्तबा कोशिश के बाद वह चींटी दीवार पर चढ़ने में कामयाब होती है। इससे से राजा बेहद प्रेरित होता है और वह इस वाकिए को अपने जीवन में उतारता है। 

अब इस खलनायक तैमूर लंग की बात करें तो यह एक आम मुस्लिम परिवार में जन्मा था। जो बचपन से ही चोरियां करने लगा था। इसके बाद इसने पूरी दुनिया में नरसंहार किए। वह कू्रर और खूंखार था। जिसने दुनियाभर तानाशाही की तरह काम किए। 

यही वजह है कि लोगों को सैफ और करीना के बेटे का यह नाम नहीं जंच रहा है।  

 

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