साँसों में आग अब तक है
साँसों में आग अब तक है
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होठों को छूआ उसने 
एहसास अब तक है।

आँखों में नमी और
साँसों में आग अब तक है।

वक़्त गुज़र गया पर याद,
उसकी अब तक है।

क्या पानीपूरी थी यार
स्वाद अब तक है....

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