गवर्नर के लिए तीन साल का कार्यकाल कम रहता है
गवर्नर के लिए तीन साल का कार्यकाल कम रहता है
Share:

नई दिल्ली : रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन का कहना है कि केंद्रीय बैंक (रिजर्व बैंक ) के प्रमुख का कार्यकाल लम्बा होना चाहिए. तीन साल का कार्यकाल कम रहता है. वैश्विक स्तर पर जो चलन है उसे भारत में अपनाया जाना चाहिए. आगामी 4 सितंबर को अपना कार्यकाल खत्म कर रहे आरबीआई के गवर्नर रघुराम राजन ने यह बात संसद की वित्त संबंधी स्थाई समिति के समक्ष रखी.

बैंकों की अर्थ व्यवस्था और बैंकों में एनपीए के विभिन्न आयामों की चर्चा करते हुए राजन ने सांसदों द्वारा आरबीआई गवर्नर के कार्यकाल बाबद पूछे गए सवाल के जवाब में राजन ने कहा कि तीन साल का कार्यकाल कम रहता है. क्या इसे पांच साल का होना चाहिए ? इस पर राजन ने अमेरिकी फेडरल की मिसाल देते हुए कहा कि वहां निदेशक मंडल के सदस्य के अलावा चैयरमेन और डिप्टी चेयरमेन का कार्यकाल चार साल का होता है और उन्हें दोबारा नियुक्त किया जा सकता है.

करीब तीन घंटे चली इस बैठक में राजन ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम. वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता वाली समिति के सामने अर्थव्यवस्था की स्तिथि, सुधार, आरबीआई का पुनर्गठन, बैंकिंग क्षेत्र की चुनौतियाँ और आगे की राह पर अपनी बात रखी. राजन ने एनपीए की समस्याओं से निपटने के लिए उठाए गए कदमों की भी जानकारी देते हुए कहा कि बैंकों का एनपीए 2016 -17 में बढ़कर 9 .3 प्रतिशत हो जाएगा जो मार्च 2016 में 7 .6 प्रतिशत था.

बैंकों के ऋण परिदृश्य की चर्चा करते हुए राजन ने सांसदों से कहा कि निजी क्षेत्र के बैंक ऋण देने के मामले में ज्यादा सक्रिय है, लेकिन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऐसी स्तिथि में भी उदासीन रहते हैं जबकि कोष की कोई कमी नहीं रहती. आपने ब्रेकजिट के असर के बारे में भी जानकारी दी.

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -