भगवान का दुसरा स्वरुप है डॉक्टर
भगवान का दुसरा स्वरुप है डॉक्टर
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National Doctors Day-

हमेशा से दुनिया में डॉक्टरों को भगवान का दूसरा स्वरुप कहा जाता हैं। भगवान ने तो सिर्फ हमें जीवन दिया है, लेकिन डॉक्टर हमारे अमूल्य जीवन को बार-बार बचाता है। देश में ऐसे कितने उदाहरण हैं जहां डॉक्टरों ने भगवान से भी बढ़कर काम किया है। बच्चे को जन्म देना हो या किसी बीमार की जान बचानी हो डॉक्टर हमेशा हमें मुश्किल से बचाता है। इस पेशे में दवा और दुआ का अनोखा संगम देखने को मिलता है।

प्राचीन काल से ही डॉक्टरों ने मानव जाति के लिए बहुत समर्पण किया है। आज भी डॉक्टरों और वैद्यों का आदर सम्मान किया जाता है। आधुनिक युग में तो डॉक्टरों की मांग और भी बढ़ गई है। डॉक्टर के इसी समर्पण और त्याग का सम्मान करते हुए 30 मार्च को अमेरिका में व अन्य स्थानों पर अलग-अलग तारिख पर National Doctors’ Day मनाया जाता है।

कैसे मनाया जाता है Doctors’ Day-
यह खास दिन हमें इस बात का एहसास दिलाता है कि हमारे जीवन में डॉक्टर की कितनी महत्वपूर्ण भूमिका हैं। हर व्य़क्ति को कभी ना कभी डॉक्टर के पास जाना ही पड़ता हैँ, हालकि कोई नही चाहता कि उसे डॉक्टर के पास जाने की नौबत आए। बहुत से ऐसे केस है जिसमें डॉक्टरों ने मरिजों को मौत के मुहं से बाहर निकाला है, ये अलग बात है कि जीना मरना भगवान के हाथ में है लेकिन फिर भी कह सकते है कि मानव जीवन में डॉक्टर एक अहम भूमिका हैं। 

जैसा कि आप जानते है कि डॉक्टरों को कभी छुट्टी नही मिलती लेकिन आज के दिन वो छुट्टी ले सकते हैं। आज के दिन हास्पिटल व क्लिनिक के स्टाफ व्दारा अपने सीनियर डॉक्टर को पार्टी दी जाती हैं, साथ ही भेट के तौर पर फूल, गिफ्ट और डिनर पार्टी दी जाती हैं। डॉक्टर का हौसला बढ़ाने के लिए परिवार के लोग और मरिज भी इन्हें बधाई देते हैं, जिससे डॉक्टर अपने काम के प्रति और सगज हो जाते हैं। 

कहां-कहां मनाया जाता हैं Doctors’ Day-
भारत- 1 जुलाई 
क्यूबा- 23 अगस्त
अमेरिका- 30 मार्च 
ईरान- 1 अगस्त 
वियतनाम- 27 फरवरी 

पेशे की चिंता-
आज व्यावसायिकता की दौड़ में शामिल हो चुके चिकित्सकों को भी अब अपने पेशे को लेकर चिंता होने लगी है। इस पेशे को व्यवसाय का दर्जा देने से सीनियर डॉक्टर काफी आहत हैं। लेकिन आज भी कई ऐसे डॉक्टर जो अभी भी डॉक्टर पेशे को व्यवसायिकता का दर्जा ना देकर सेवाभाव से काम करते है। वर्तमान में डॉक्टरी ही एक ऐसा पेशा है, जिस पर लोग विश्वास करते हैं। इसे बनाए रखने की जिम्मेदारी सभी डॉक्टरों पर है। और डॉक्टर्स डे स्वयं डॉक्टरों के लिए एक खास दिन है, क्योंकि यह दिन उन्हें अपने चिकित्सकीय प्रैक्टिस को पुनर्जीवित करने का अवसर देता है। 

जब भी डॉक्टर अपने चिकित्सकीय जीवन का आरंभ करते हैं तो उनके मन में नैतिकता और जरूरतमंदों की सहायता करने का जज्बा होता है,जिसकी वे कसम भी लेते हैं। लेकिन फिर भी कुछ लोग अनैतिकता की राह पर चल पड़ते हैं। डॉक्टर्स डे के दिन डॉक्टरों को यह मौका मिलता है कि वे अपने अंदर झाँके, अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को समझें और चिकित्सा को पैसा कमाने का पेशा न बनाकर मानवीय सेवा का पेशा बनाएँ, तो फिर डॉक्टर्स डे मनाना सही साबित होगा।

 

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