नाख़ून चबाना एक मानसिक बीमारी हैं
नाख़ून चबाना एक मानसिक बीमारी हैं
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नाख़ून चबाना बेड मैनर्स कहलाता हैं, हमे बचपन में कई बार नाख़ून चबाने के लिए डांट पड़ी होगी. टेंशन के समय हम अक्सर नाख़ून चबाने लग जाते हैं जिससे कई नुकसान हैं. दुनिया भर में करोड़ो लोग इस आदत के शिकार हैं. इससे शरीर को नुकसान होता हैं. नाख़ून में मौजूद गंदगी शरीर में पहुंच कर नुकसान पहुँचाती हैं.

एक रिसर्च में ये बात सामने आई हैं, यह रिसर्च यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की है जिसमे दावा किया गया हैं कि नाख़ून चबाना एक मानसिक बीमारी हैं. इस आदत से छुटकारा स्मोकिंग छोड़ने जितना मुश्किल हैं. मेडिकल एक्सपर्ट अब इसे मनोरोग की श्रेणी में रखने जा रहे हैं. अमेरिकन साइकेट्री एसोसिएशन इसे सामान्य गंदी आदत की जगह सनकी बाध्यकारी विकार की श्रेणी में शामिल करने जा रही हैं.

इस आदत को रोकने के लिए आप हाथो में कोई कड़वी चीज लगा सकते हैं जिससे इस आदत को रोकने में मदद मिले. तीखे स्वाद वाली नेल पॉलिश लगाइये, जब आप नाख़ून चबाएगी तो आपको तीखे स्वाद के कारण याद आएगा कि आप नाख़ून चबा रही हैं. समय-समय पर नाख़ून की सफाई करते रहे ताकि नाख़ून चबाने से अधिक नुकसान न हो.

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