जन्म लेते ही मेरा बच्चा मर जाये - अबॉर्शन मंजूरी ना मिलने पर महिला ने कहा
जन्म लेते ही मेरा बच्चा मर जाये - अबॉर्शन मंजूरी ना मिलने पर महिला ने कहा
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नई दिल्ली. मुम्बई की एक महिला ने कहा है, मेरा बच्चा जन्म लेते ही मर जाए, यही दुआ है. ऐसा इसलिए क्योंकि मेडिकल जाँच में उसे पता चला था कि बच्चे को एक रेयर बीमारी है, जो महिला के भाई को भी है. महिला ने इस आधार पर सुप्रीम कोर्ट में गर्भपात की अर्जी लगाई थी. किन्तु कोर्ट ने मना कर दिया.

मेडिकल रिपोर्ट्स के अनुसार, महिला के गर्भ में पल रहा बच्चा एरनाल्ड चेयरी टाइप-2 सिंड्रोम से पीड़ित है, जिसमे बच्चे का ब्रेन और स्पाइनल कॉर्ड पूरी तरह से डेवलप नहीं हो पाते. लिहाजा, उनकी जिंदगी बदतरीन होने के चान्सेज बेहद अधिक होते हैं. इसे रेयर डिसीज माना जाता है. हमें बच्चे के असमान्य होने की बात प्रेग्नेंसी के 6 हफ्ते बाद सरकारी हॉस्पिटल की एक सोनोग्राफी में पता चली. तब डॉक्टर ने कुछ नहीं कहा, अगले महीने दोबारा जांच के लिए कहा. जब प्राइवेट डॉक्टर के पास गए तो सिंड्रोम के बारे में जानकारी मिली.

मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट के अनुसार, सिर्फ 20 सप्ताह तक अबॉर्शन की अनुमति है. इसे बढ़ाकर 24 सप्ताह करने की सिफारिश की गई है, किन्तु इसे संसद से स्वीकृति नहीं मिली. बता दे कि एक वर्ष के भीतर मुंबई में यह दूसरा केस सामने आया है जब 20 सप्ताह से अधिक समय के गर्भ के अबॉर्शन की इजाजत के लिए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई गई है.

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