जाति है चुनाव में मसला, मीरा कुमार करेंगी साबरमती आश्रम से प्रचार की शुरूआत
जाति है चुनाव में मसला, मीरा कुमार करेंगी साबरमती आश्रम से प्रचार की शुरूआत
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नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस खेमे के दो कद्दावर प्रत्याशी आमने सामने हैं। खास बात है कि दोनों ही दलित हैं और दोनों को ही प्रशासनिक सेवाओं के ही साथ राजनीतिक क्षेत्र से परिचय प्राप्त है। जहां भाजपा ने रामनाथ कोविंद को प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतारा है वहीं कांग्रेस ने मीरा कुमार को इलेक्शन में कैंडिडेट बनाया है। माना जा रहा है कि एजुकेशन के लिहाज से  रामनाथ कोविंद और मीरा कुमार दोनों ही काबिल व्यक्ति हैं, लोकसभा अध्यक्ष के रूप में मीरा कुमार की सफल पारी को देश की जनता देख चुकी है।

जबकि आरएसएस से जुड़े कोविंद को राजभवन का अनुभव है असल में मीरा कुमार पूर्व उप प्रधानमंत्री जगजीवन राम की पुत्री हैं और उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस जैसे प्रतिष्ठित कॉलेज में अध्ययन कर चुकी हैं। वे 1970 में भारतीय विदेश सेवा के लिए चुनी गई थीं और कई देशों में राजनयिक के रूप में सेवा दे चुकी हैं। दूसरी तरफ, कोविंद एक कानपुर देहात जिले के एक गांव में साधारण परिवार में पैदा हुएण् उन्होंने कानपुर के एक कॉलेज से पढ़ाई की और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ने के बाद राजनीति में प्रवेश कियाण् उनका प्रशासनिक अनुभव बिहार के राज्यपाल के रूप में है

दोनों ने वकालत की पढ़ाई की हैण् कोविंद का चयन भी प्रशासनिक सेवा के लिए हो चुका थाए लेकिन उन्होंने नौकरी करने की जगह वकालत करना पसंद कियाण् मीरा कुमार 72 साल की हैंए जबकि रामनाथ कोविंद 71 साल के हैं। कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी मीरा कुमार ने आज पत्रकारों से चर्चा की। कांग्रेस और विपक्ष की अन्य पार्टियों के समर्थन वाली प्रेसिडेंट इलेक्शन कैंडिडेट मीरा कुमार ने कहा कि विपक्षी दलों की एकता समान विचारधारा पर है।

उन्होंने सभी दलों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि विपक्षी दलों ने सर्वसम्मति से उन्हें राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बनाया है। वे पत्रकारों से चर्चा कर रही थीं। उन्होंने कहा कि इस निर्वाचन में जाति भी भी आधार है। उन्होंने कहा कि पहले जब उच्च जाति के कैंडिडेट मैदान में होते थे तो जाति की चर्चा नहीं होती थी मगर अब जब दलित जाति के प्रत्याशी मैदान में हैं तो चर्चा हो रही है। उन्होंने जातिवाद को लेकर कहा कि जाति को गठरी में बांधकर जमीन में गाड़ देना चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज ने मीरा कुमार पर पक्षपात का आरोप लगाया था। उन्होंने इस मामले में एक वीडियो जारी किया था जिसमें यह बताा गया था कि जब मीरा कुमार लोकसभा में स्पीकर थीं तो वे किसी भी बात को गंभीरता से नहीं लेती थीं। केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज ने वर्ष 2013 में लोकसभा में तत्कालीन सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए थे जिसमें मीरा कुमार पर लगाया गया पक्षपात का आरोप भी शामिल है।

मीरा कुमार ने जोर देते हुए कहा कि लोकतांत्रिक मूल्य, पारदर्शिता के ही साथ प्रेस की स्वतंत्रता हमारी विचारधारा में शामिल हैं हम चाहते हैं कि गरीब का कल्याण हो। उन्होंने कहा कि वे अपने अभियान की शुरूआत साबरमती आश्रम से करेंगी। उन्होंने यहां से प्रचार कार्य प्रारंभ करने की बात कही। कांग्रेस ने केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज के संबोधन वाले एक वीडियो को अपने प्रचार के लिए उपयोग किया है जिसे ट्विटर  हैंडल पर जारी किया गया है। इसमें सुषमा स्वराज मीरा कुमार की तारीफ भी कर रही हैं।

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