यहां होती है बच्चों की शादी कुत्ते से
यहां होती है बच्चों की शादी कुत्ते से
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यह खबर पढ़कर आपको बिल्कुल यकीन नहीं होगा। और ना ही आप यकीन करना चाहेंगे। लेकिन यह बात बिल्कुल सच है। छत्तीसगढ़ के कोरबा-बाल्को के रास्ते में स्थित बेलगिरी में सन्थाल आदिवासियों में एक अजीब सी परम्परा का चलन है। मकरसंक्रांति के अवसर पर यहां के लोग अपने बच्चो के जीवन में मृत्युदोष को खत्म करने के लिए उनकी शादी कुत्तो से करवा देते है। इसे ज्यादा आपको यह जानकर हैरानी होगी कि वे इस मृत्युदोष का पता किस तरह लगाते है।

ओडिशा के रहने वाले संथाल आदिवासी लोग अपने बच्चो के दूध के दांत आने का इंतज़ार करते है अगर बच्चे के ऊपर के दांत पहले आ जाए तो वह इसे मृत्युदोष मानते है, और आगरा नहीं आए तो इस दोष से बचने के लिए अनुष्ठान करते है। जिसमे ये बच्चो की शादी कुत्तो से करवा देते है। संथाल आदिवासी कई वर्षो से इस परम्परा को निभाते आए है। इस परम्परा में करीब तीन साल से 5 साल तक के बच्चो की शादी कुत्ते से करवाई जाती है।

अगर यह दोष किसी लड़के पर होता है तो उसकी शादी कुतिया से करवाई जाती है और अगर किसी लड़की पर होता है तो उसकी शादी कुत्ते से करवाई जाती है। आदिवासी बताते है की पूर्वजो का मानना था की जिन बच्चो में यह दोष पाया जाता है उनकी शादी कुत्ते या कुतिया से करवानी जरुरी है वरना उनकी मौत हो जाती है। इस शादी को सेता बपला कहा जाता है। लेकिन यह एक अंधविश्ववास है जिसे यह लोग मानते है।

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