प्रेग्नेंसी के दौरान पोषक तत्वों की मात्रा का ध्यान रखना चाहिए. मगर इस फ़िराक़ में विटामिन ए का सेवन नियंत्रित मात्रा में करना चाहिए. विटामिन ए के अत्यधिक सेवन से मां और बच्चे दोनों के लिए खतरा साबित हो सकता है. विटामिन ‘ए’ यह एक फैट सॉल्यूबल विटामिन है जिसे अधिक लेने से जन्म दोष की समस्या पैदा होती है.
विटामिन ए की सही मात्रा लेने से शरीर को फायदा ही होता है, यह न सिर रोगो से बचाता है बल्कि गर्भ में पल रहे बच्चे के शरीर के विकास के साथ-साथ ग्रंथियों के निर्माण में भी सहायक है. फल, संतरा, गाजर, हरी सब्जियों, मांस-मछली, दूध, मक्खन अंडा आदि में पाया जाता है. गर्भावस्था के दौरान लगभग 2500 आई यु या 750 माईक्रोग्राम विटामिन जरूरी होता है.
ज्यादा विटामिन ए खाने से लीवर खराब होने और गर्भपात की समस्या भी हो जाती है. यदि आपको विटामिन ए का सेवन है तो स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह ले. विटामिन ए की कमी से बच्चे के फेफड़े में एयर सर्कुलेशन करने वाली नलिका की मसल्स में बदलाव आ जाते है.
ये भी पढ़े
आंखों की रोशनी को बढ़ाए इस अनोखे तरीके से
रात में आंखों की रोशनी बढ़ाने के ये है तरीके
बढ़ते बच्चों में विटामिन की कमी होने के ये है कारण