मैक्राॅ की जीत से क्या उदारवाद को मिलेगा बल
मैक्राॅ की जीत से क्या उदारवाद को मिलेगा बल
Share:

दुनिया ने अमेरिका में सत्ता परिवर्तन का दम देखा। हालांकि दुनिया अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में काबिज होने को लेकर होने वाले परिणामों के प्रति आशंकित थी। ट्रंप के काबिज होने के बाद वही हुआ जिसे लेकर विश्व ने डर का अनुभव किया था। वैश्विक स्तर पर विभिन्न देशों में होने वाले सत्ता परिवर्तन का असर मौजूदा समय में जरूर हुआ है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व से विश्व भारत के बाजार की ओर आकर्षित है तो भारत को मित्र राष्ट्र के तौर पर देख रही है।

हाल ही में मैक्राॅ फ्रांस के राष्ट्रपति निर्वाचित हुए। फ्रांस के लिए यह उत्साहजनक बात थी। देश को एक बैंकर का नेतृत्व मिला। अब माना जा रहा है कि वे उदारवाद को प्रोत्साहन देंगे। हो सकता है उनके कार्यकाल में फ्रांस की अर्थव्यवस्था सफलता के साथ आगे बढ़े। उनका योरपीयन यूनियन का समर्थक होना भी फ्रांस के लिए बड़ा लाभदायक होगा।

आतंकवाद के वैश्विक खतरे का सामना फ्रांस को भी करना पड़ रहा है ऐसे में फ्रांस इस्लामिक आतंकवाद को लेकर खासकर सीरियाई परिदृश्य और एशियाई क्षेत्र में फैले इस्लामिक आतंकवाद को लेकर किस तरह कार्य करता है यह महत्वपूर्ण है। हालांकि वे फ्रांस की ओर से आतंकवाद के खिलाफ किसी तरह का सीधा युद्ध तो नहीं लड़ेंगे क्योंकि वे जानते हैं इससे आर्थिक नींव कुछ कमजोर हो सकती है लेकिन इतना जरूर है कि भारत जैसे राष्ट्रों को फ्रांस का समर्थन मिलेगा। भारत और फ्रांस यूं भी मित्र राष्ट्र रहे हैं और दोनों देशों में हथियारों की खरीद के ही साथ तकनीक और ऊर्जा को लेकर कई समझौते होते रहे हैं।

इस नज़रिये से एक बैंकर और पूर्व वित्तमंत्री का राष्ट्रपति बनना भारत के लिए फायदेमंद होगा क्योंकि आज भी विश्व के सबसे बेहतर बाजारों में भारत शामिल है। भारत की सरकार कई राष्ट्रों में मैक इन इंडिया प्रोजेक्ट को प्रचारित कर चुकी है। सरकार का फोकस इस माध्यम से वैश्विक स्तर पर सरकारों के साथ करार कर अपनी ही जमीन पर कुशल सैन्य उपकरण और विमान आदि का निर्माण करना भी है। यदि मैक्राॅ पर पीएम मोदी का जादू चल जाता है तो भारत फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमान की डील को बेहतर तरीके से पूरा कर सकता है।

भारत को एनएसजी की भागीदारी में और परमाणु तत्व की आपूर्ति में मैक्राॅ एक बड़ी भागीदारी का निर्वहन कर सकते हैं। मौजूदा समय में उदारवादी और मुक्त व्यापार की अवधारणा वाली अर्थव्यवस्था फलफूल रही है। भारत युवाशक्ति से परिपूर्ण देश है जिसके पास काम को करने के लिए एक बड़ी श्रम शक्ति है। ऐसे में यदि फ्रांस विश्व जगत और विशेषकर भारत को लेकर उदारवादी रवैया अपनाता है तो वह विकास के पायदान पर और आगे बढ़ सकता है।

 

 

 

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -