आतंक को लेकर लड़ाई में कमजोर साबित हो रहा भारत
आतंक को लेकर लड़ाई में कमजोर साबित हो रहा भारत
Share:

भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा विवाद, आतंकवाद को रोकने की लड़ाई कोई नई नहीं है मगर भारत को इस मामले में फिर से अपनी लड़ाई अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लड़ना पड़ रही है. दरअसल जहां पठानकोट पर फिर से हमले की आशंका जताई जा रही है तो दूसरी ओर मुंबई में हुए 26/11 हमले को लेकर पाकिस्तान ने जो सबूत उसे दिए गए हैं उसे पर्याप्त नहीं बताया है. पाकिस्तान का कहना है कि उसे इस आतंकी हमले को लेकर जो सबूत दिए गए हैं वे काफी नहीं हैं. एक बार फिर भारत इस मामले में कमजोर नज़र आ रहा है।

ऐसा समय जब उसके यहां होने वाले आतंकी हमले में साफतौर पर पाकिस्तान में समर्थन और प्रश्रय प्राप्त करने वाले आतंकियों द्वारा हमले की प्लानिंग की जाती है उसी दौर में पाकिस्तान साफ मुकर रहा है, आखिर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान ऐसा कैसे कर सकता है, निश्चित तौर पर उसे चीन जैसे कई देशों का समर्थन है जो कि भारत और पाकिस्तान दोनों की ही तरफदारी कर रहे हैं, भारत को चीन के विरोध का सामना भी करना पड़ता है। इतना ही नहीं पाकिस्तान निर्मित वस्तुऐं और सैटेलाईट फोन से पाकिस्तान में आतंकियों से चर्चा होने के रिकाॅर्ड दिए जाने के बाद भी पाकिस्तान आतंकी हमलों में खुद का हाथ होने की बात नकारता है।

मुंबई में हुए इस हमले में तो एकमात्र जीवित आतंकी अजमल कसाब की बयानबाजी और समुद्र के रास्ते से उनका दाखिल होना साफ बता रहा था कि वे पाकिस्तान में प्रशिक्षित हैं, फिर कसाब के पास पाकिस्तान का सामान भी मिला. ऐसे में ये सबूत पर्याप्त थे. मगर इसके बाद भी पाकिस्तान स्वीकार नहीं कर रहा है कि इन हमलों में उसका हाथ है।

इसके बाद भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत कोई ठोस कार्यवाही नहीं कर पा रहा है। पाकिस्तान पहले ही पठानकोट में हुए हमले को नकार चुका है उसे इस हमले में भी सबूत पर्याप्त नहीं लगे ऐसे में आतंक के खिलाफ चर्चा और लड़ाई का रणनीतिक और सियासी प्रयास भारत के लिहाज से कुछ कमजोर हो गया है।

'लव गडकरी'

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -