कलेक्टर के नोटिस से बड़ा खुलासा : दलित नहीं थे रोहित वेमुला
कलेक्टर के नोटिस से बड़ा खुलासा : दलित नहीं थे रोहित वेमुला
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हैदराबाद। हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के शोधार्थी विद्यार्थी रोहित वेमुला को लेकर यह बात सामने आई है कि वह दलित नहीं था। गुंटुर के कलेक्टर द्वारा रोहित वेमुला को दलित छात्र मानने से मना कर दिया। इस दौरान उन्होंने परिवार को नोटिस जारी कर दिया है। कलेक्टर द्वारा कहा गया है कि विद्यार्थी का सर्टिफिकेट फर्जी तरह से तैयार किया गया था। गुंटूर के कलेक्टर रोहित वेमुला की रीव्यू रिपोर्ट में यह कहा गया कि रोहित दलित विद्यार्थी नहीं था।

रोहित चक्रवर्ती वेमुला द्वारा हैदराबाद विश्वविद्यालय में शोधार्थी छात्र था। उन्होंने 17 जनवरी 2016 को आत्महत्या कर ली थी। गुंटूर कलेक्टर द्वारा जो रिपोर्ट जारी की गई उसमें कहा गया है कि रोहित वेमुला अनुसूचित जाति के नहीं थे उनका प्रमाण पत्र फर्जी बनवाया गया था। इतना ही नहीं उनका सर्टिफिकेट रद्द कर दिया जाएगा। इस तरह की प्रक्रिया के तौर पर रोहित के परिजन को नोटिस जारी करने के साथ उत्तर मांगा गया।

मिली जानकारी के अनुसार रोहित वेमुला की मां को करीब 15 दिन का समय दिया गया है और कहा गया है कि यदि उन्होंने ऐसा नहीं किया तो फिर उन्हें कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा। गौरतलब है कि रोहित वेमुला को उनके चार अन्य साथियों के साथ होस्टल से निष्कासित कर दिया गया था। ऐसे में रोहित ने आत्महत्या कर ली और कहा कि वे दलित हैं इसलिए उन्हें परेशान किया गया।

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