Fathers Day: हर सपने और उम्मीद को पूरा करने का दिन
Fathers Day: हर सपने और उम्मीद को पूरा करने का दिन
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आपको याद है ना आज का दिन ?....... आज फादर्स डे है. हां वही पितृ दिवस जिसमे हम अपने पिता जी को शायद गलती से विश करते हुए उन्हें हैप्पी फादर्स डे बोल देते है. किन्तु सच पूछो तो आज हर इंसान के सपनो का दिन है..... उम्मीदों  का दिन है...... फादर्स डे सिर्फ विश करने तक ही सिमित नहीं है बल्कि इसमें अपार भावनायें जुडी हुई है. एक पिता की अपने बेटे से, और एक बेटे की अपने पिता से...... शायद हर कोई यह बात आज के ज़माने में समझ नहीं पायेगा किन्तु किसी ने कहा है कि, जानना हो अगर पिता क्या है तुम्हारे..... तो कभी तुम भी पिता बनकर देखो......... हां शायद हम समझ नहीं पाते है कि हमारे पिता क्या है ? वो क्या कर रहे है ? और किसके लिए कर रहे है ?  उनके जीवन का उद्देश्य क्या है? किन्तु एक पिता जो भी करता है वो अपने बच्चो के लिए करता है, और पूरी जी जान से करता है. बिना उन्हें यह बताये कि मैं बच्चो तुम्हारे लिए कर रहा हूं. शायद कोई पिता ही शेष होगा जो अपनी हर उम्मीद हर सपने को तोड़कर अपने बच्चो को उस लायक बनाने में अपनी पूरी जिंदगी समर्पित कर देता है, जिसकी उम्मीद कभी उनके बच्चों ने की ही नहीं होगी. जिंदगी का सच कहे तो एक पिता देवता के समान होते है, और उनके बारे में यह कहना गलत नहीं होगा कि -  

पिता तो देवता है, नित्य चरण उनके नीर से धोना चाहिए .
अपने पिता की हर उम्मीद को, खुद से पहले संजोना चाहिए .
पता हो सबको अगर, एक पिता की अहमियत .
तब फादर्स डे एक दिन नहीं, बल्कि हर रोज होना चाहिए. 

एक पिता अपने बच्चो के लिए कितना करता है, शायद यह हर कोई समझ नहीं पाता है. चाहे एक किसान हो, मजदुर हो, बड़ा अधिकारी या फिर कोई बिजनेसमैन सबके लिए अपने 'बच्चे हमेशा बच्चे होते है'. चाहे फिर वे बड़े ही क्यों ना हो जाये. हर पिता चाहता है कि उनके बच्चे आभाव में ना जिए, वो एक बेहतर जिंदगी बनाये और जब उनके बच्चे बड़े होकर कामयाबी की और बढ़ते है तब सबसे ज्यादा ख़ुशी पिता को होती है. शायद वो खुलकर कभी बोल नहीं पाते होंगे, किन्तु उनकी दिल की आवाज अपने बच्चो के लिए हर सांस के साथ यही दुआ देती है कि आगे बढ़ो..........

किन्तु सवाल फादर्स डे का नहीं है, सवाल है उन बच्चो के लिए जो अपने पिता की अहमियत को समझ नहीं पाते है. फादर्स डे को सिर्फ एक दिन में समेट कर रख देते है. वे कभी अपने पिता की आँखों में झांककर नहीं देख पाते है कि वे क्या चाहते है ????? चाहे अब वो बूढ़े हो गए हो फिर भी बस तुम्हारी हर उम्मीद को पूरा करने की चाहत उनके दिल में होती है, किन्तु उन बच्चो द्वारा, जिनके लिए वे कभी कभी ज्यादा मेहनत मजदूरी करते थे, अपने ऑफिस में ओवरड्यूटी करते थे, जिनके थोड़ा सा बीमार हो जाने पर वे चिंतित हो जाते थे, वे ही बच्चे उन्हें घर का कोई छोटा सा कोना पकड़ा देते है या फिर वृद्धाश्रम..........

बस आज के इस फादर्स डे पर यही कहना है कि अपनी खुद की जिंदगी को समझना हो तो अपने पिता को समझ लेना. जिंदगी का एक निहित सत्य यह भी है कि जितना एक पिता अपने बच्चो के लिए करता है, उतना बच्चे 100 जन्म लेकर भी करे तो शायद थोड़ा कम पड़ जायेगा. किन्तु आप हर रोज अपने पिता के चेहरे पर मुस्कान दे सको, उनकी आँखों में एक उम्मीद दे सको तो आपका फादर्स डे सफल हो जायेगा. एक पिता के लिए बस इतना ही कहना चाहूंगा कि-

हम पंछी है तो, पिता पेड़ है नीड है .
अकेलेपन में हमारे, वो घनी भीड़ है .
वो नीर है, प्यास है उमंग है .
पिता तो जिंदगी के, सारे रंग है .
हम शरीर है, तो वे उसके सारे अंग है .
कितने भी दूर क्यों ना हो, वे हमेशा संग है .
पिता नदी है, किनारा है .
उसमे से बहती हुई, निर्मल धारा है .
वो धुप है रौशनी है, सवेरा है .
हमारी हर उम्मीद का, आखरी बसेरा है .
पिता सुकून है शाम है, रात है .
पिता तो, हर अनकही सी बात है .
पिता तो नींद
 है, सपना है .
हर मुसीबत में, कोई अपना है .
पिता समय है, भविष्य है वर्तमान है .
वे अतीत है, सम्मान है मुस्कान है .
पिता रामायण है, कुरान है गीता है .
फिर भी वे अपने बच्चो के लिए, सिर्फ पिता है .

                                                                                                            कवि - बलराम सिंह राजपूत 

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