फरवरी में शुरू हुई नोटबन्दी की चर्चा, केंद्र के प्रस्ताव पर RBI की मंजूरी
फरवरी में शुरू हुई नोटबन्दी की चर्चा, केंद्र के प्रस्ताव पर RBI की मंजूरी
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नई दिल्ली : सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के अधिकारियों के बीच पिछले साल फरवरी में नोटबंदी पर विस्तृत बातचीत हुई थी, जिसके बाद आरबीआई बोर्ड ने इस बारे में औपचारिक फैसला किया और उसकी जानकारी सरकार को दी. नोटबंदी पर आखिरी निर्णय केंद्र ने लिया. यह जानकारी राज्यसभा को मंगलवार को दी गई.

इस बारे में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि 8 नवंबर की बैठक में आरबीआई बोर्ड के 10 डायरेक्टर में से 8 मौजूद थे, जिसमें सरकार को नोटबंदी के बारे में औपचारिक और अंतिम सिफारिश देने का फैसला हुआ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसी दिन 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों को आधी रात से अमान्य घोषित कर दिया.वित्त मंत्री ने कहा कि आरबीआई के साथ इस मामले में वरिष्ठ स्तर पर चर्चा हुई थी और इसकी शुरुआत पिछले साल फरवरी महीने में ही हो गई थी.इसके बाद समय-समय पर कई बैठकें हुईं.इस फैसले को गोपनीय रखना था, इसलिए इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई.

नोटबंदी का फैसला खुद लिया या सरकार के निर्देश पर, इस सवाल के जवाब में जेटली ने कहा कि आरबीआई बोर्ड की बैठक हुई और उसने स्वायत्त ढंग से यह फैसला लिया और उसके बारे में सरकार को सिफारिश भेजी.जेटली ने कहा कि नोटबंदी प्रक्रिया पर आरबीआई के साथ लंबी चर्चा हुई थी. उन्होंने बताया कि रिजर्व बैंक के बोर्ड के पास नोटबंदी के बारे में औपचारिक प्रस्ताव वित्त मंत्रालय की तरफ से भेजा गया था.आरबीआई ने इस पर स्वतंत्रता से विचार किया और उसके बाद सरकार को इसे लागू करने की सलाह दी.

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