नई दिल्ली : हाल ही में एक बार दोबारा से पूर्वी दिल्ली सांसद गौतम गंभीर और दिल्ली सरकार एक दूजे पर हावी हो रही है। जी दरअसल क्रिकेटर से दिल्ली से सांसद बने गौतम गंभीर ने बीते जुलाई के महीने में गौतम गंभीर फाउंडेशन की तरफ से कांति नगर स्थित पूर्वी दिल्ली नगर निगम के समुदाय भवन में 50 बेड का आइसोलेशन सेंटर तैयार करवाया था। उसे शाहदरा जिला प्रशासन को दे दिया गया था। उसके बाद काफी समय तक उनका इस्तेमाल नहीं किया गया और कुछ महीने के बाद प्रशासन ने सांसद को वह सेंटर वापस कर दिया है। अब इसी मामले में बीते शुक्रवार को सांसद ने ट्वीट किया और दिल्ली सरकार पर जमकर गुस्सा निकाला।
SHAME DIED OF SHAME! @ArvindKejriwal returned our COVID centre when Delhi is running from pillar to post for beds! pic.twitter.com/yagch1Bkqm
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) November 20, 2020
इस दौरान सांसद ने मीडिया से कहा कि ''दिल्ली सरकार तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है, वो भी ऐसे वक्त में जब राजधानी बुरी तरह से कोरोना से जूझ रही है। एक-एक दिन में बड़ी संख्या में संक्रमित सामने आ रहे हैं, सौ से ज्यादा मौते हो रही हैं। ऐसे वक्त में सबसे ज्यादा जरूरत आइसोलेशन सेंटर की है और सरकार ने सेंटर ही वापस कर दिया।'' इसी के साथ गौतम गंभीर ने यह आरोप लगाया कि ''लोगों की सेवा के लिए सेंटर बनाया था और सरकार ने कई महीने के बाद भी इसे चलाने की अनुमति नहीं दी। जबकि इस सेंटर को प्रशासन काे चलाना था न किसी संस्था या राजनीतिक दल को।'' आगे उन्होंने यह भी कहा कि, 'दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के सांसदों के साथ बैठक थी, इसमें उन्होंने आश्वासन दिया था कि दो दिनों में सेंटर चलाने की अनुमति सरकार दे देगी। सरकार ने सेंटर इसलिए वापस कर दिया, क्योंकि एक भाजपा के सांसद ने तैयार करवाया था।''
वहीं उन्होंने यह तक कहा है कि 'कोरोना वायरस संक्रमण किसी को देखकर नहीं हो रहा है, इसलिए सरकार इस सेंटर को चलाए। यह जनता के स्वास्थ्य की बात है। प्रशासन का कहना है प्रशासन सरकारी सेंटर ही चला रहा है, यह सेंटर निजी था इसलिए नियम के अनुसार वापस कर दिया।'
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