रायपुर। देशभर में ऐसे कई मामले सामने आते रहे हैं जिसमें परिजन अपने परिवार के सदस्य की मौत हो जाने पर उसके शव को या तो कंधे पर रखकर, हाथ में या साइकिल पर रखकर ले जाने के लिए मजबूर हुए हों। उन्हें न तो शव वाहन मिलते हैं और न ही लोगों की मदद। ऐसा ही वाकया छत्तीसगढ़ राज्य के कांकेर जिले के मर्दा गांव में सामने आया।
मिली जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य केंद्र कोयलबेड़ा में भर्ती मरीज जानसिंग की मौत हो गई थी। ऐसे में शव को ले जाने के लिए शववाहन नहीं मिल पाया। परिजन उसके शव को 7 किलोमीटर दूर स्थित घर ले जाने के जतन करने लगे मगर न तो कोई एंबुलेंस नज़र आई और न ही किसी ने मदद की।
ग्रामीणों को 108 एंबुलेंस सेवा की जानकारी तक नहीं थी। ऐसे में जानसिंग की पत्नी और पुत्र ने खाट एंबुलेंस के तौर पर जुगाड़ किया और साइकिल रिक्शानुमा वाहन पर शव रखकर ले जाया गया। इस तरह की स्थिति जिसने भी देखी वह इन लोगों को मदद मिलने की दुआ करता रहा। मगर ये लोग खुद ही शव को इस तरह से लेकर गए। इस तरह की असुविधा के चलते सारे दावों की कलई खुल गई।
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