अप्रैल में कम हो सकती है कमर्शियल व्हीकल की मांग, जानिए क्यों
अप्रैल में कम हो सकती है कमर्शियल व्हीकल की मांग, जानिए क्यों
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नोटबंदी का असर अब भी कमर्शियल सेल्स पर नजर आ रहा हैं। यूपी में चुनाव जीतने के बाद मोदी सरकार से कमर्शि‍यल व्हीकल्स इंडस्ट्री को बड़ी उम्मीद लगा बैठी हैं। कंपनि‍यों का कहना है कि सेल्स में आई ग्रोथ स्टॉक क्ली‍यरेंस के कारण दि‍ख रही है। लेकिन यदि अगले दो-तीन माह में सरकार कोई रि‍फॉर्म नहीं करती है तो छह माह तक सेल ग्रोथ में सुधार नहीं हो पायेगा। 

देश की सबसे बड़ी कमर्शि‍यल व्हीकल्स फाइनेंस कंपनी श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस के एमडी उमेश रेवांकर एक रिपोर्ट में बताया कि अक्टूबर से पहले कमर्शि‍यल व्हीाकल्स की सेल्स में कोई खास सुधार आने की उम्मीद नहीं हैं। इसमें सेल ग्रोथ गुड्स एंड सर्वि‍स टैक्स लागू होने और अच्छे मानसून पर टि‍की है। वहीं, सरकार की ओर से कमर्शि‍यल व्हीकल्स को बूस्टक देने वाली स्क्रैप पॉलि‍सी और पुराने व्हीमकल्स  को बंद करने की पॉलि‍सी को अभी तक पेश नहीं कि‍या गया है।

इसके अलावा कंपनी ने बताया कि‍ मौजूदा समय में कमर्शि‍यल व्हीकल कंपनि‍यां अपने पुराने मॉडल्स को क्लीयर पर काम कर रही हैं। ऐसे में जनवरी से मार्च तक उनकी सेल्स में वृध्दि नजर आएगी। कमर्शि‍यल व्हीयकल्स  की सेल्स में फरवरी 2017 के दौरान 7.34 फीसदी बढ़कर 66,939 यूनि‍ट्स रहा जबकि‍ पि‍छले वर्ष की समान अवधि‍ में आंकड़ा 62,359 यूनि‍ट्स था। टोटल मीडि‍यम एंड हैवी कमर्शि‍यल व्हीयकल्स  की सेल 5.02 फीसदी बढ़कर 30,521 यूनि‍ट्स रही। कुुल लाइट कमर्शि‍यल व्हीकल्स  की सेल्स फरवरी 2017 में 9.38 फीसदी बढ़ोत्तरी हुई हैं। 

 

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