बच्ची भी जाने क्या होता है माँ का प्यार- सुप्रीम कोर्ट
बच्ची भी जाने क्या होता है माँ का प्यार- सुप्रीम कोर्ट
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नई दिल्ली. एक माँ जिसने महज 21 महीने की अपनी बच्ची को खो दिया हो सिर्फ इसलिए की वह उसके पिता से अलग हो गई है. मगर माँ को न्याय मिल ही गया. सुप्रीम कोर्ट ने इस बच्ची की कस्टडी उसकी माँ को दे दी है. बता दे की सुप्रीम कोर्ट नए फैसला हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका होने पर सुनाया है. कोर्ट ने कहा है की बच्ची को भी पता चले की माँ का प्यार होता क्या है.

बच्ची 6 वर्ष से अपनी माँ से दूर रह रही है, उसके पिता आर्मी अफसर है और माँ स्कुल टीचर है. पारिवारिक विवाद के चलते वह अपने पति से अलग हो गई थी. मां ने बच्ची की कस्टडी के लिए फैमिली कोर्ट में अपील की. जहां मां की बजाय पिता को बच्ची की कस्टडी दे दी गई. बता दे की सुनवाई के दौरान बच्ची ने सुप्रीम कोर्ट और कॉउंसलर से अपने पिता के साथ रहने की इच्छा जताई थी. पिता ने बताया था कि बेटी उसके साथ आराम से रह रही है और जब से उसकी मां गई है, वो बच्ची का पूरा ख्याल रखता है.

जस्टिस जे छेलेमेश्वर और एके सीकरी की बेंच ने फैसला सुनते हुए कहा की "एक बच्चा, जिसे मां को देखने, रहने का अनुभव ही नहीं है, वो इस हालात में कैसे अपनी माँ के प्यार को समझ सकेगी." "जब वो अपनी मां के साथ और प्यार का अनुभव कर ले, तभी वह फैसला कर पाएगी की वह किसके साथ रहना चाहती है. "इस अनुभव के बाद ही वो ये तय कर पाएगी कि उसकी बेहतरी मां के साथ है या फिर उसके पिता के साथ।

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