Aug 26 2016 08:47 PM
नई दिल्ली: अरबों की दौलत अर्जित करने के बाद भी मानव शांति की चाहत में रहता है। आखिर उसे शांति दौलत में अपनों के बीच और कहीं भी नहीं मिलती है। इसके लिए ही एक कारोबारी ने अरबों की दौलत को त्यागकर सन्यास का रास्ता अपना लिया। यह व्यक्ति है जैन समुदाय का दरअसल जैन समाज में पर्युषण पर्व प्रारंभ हो रहा है और इसी पर्व के दरमियान दिल्ली के प्लास्टिक किंग भंवरलाल दोषी जैन मुनि बन गए हैं।
उन्होंने अपनी 600 करोड़ रूपए की संपत्ति छोड़ दी है और अब केवल संत जीवन अपना लिया है। भंवरलाल दोषी राजस्थान मूल के हैं मगर अब वे दिल्ली में प्लास्टिक किंग के नाम से लोकप्रिय हैं दरअसल भंवरलाल दोषी ने जमकर मेहनत की और प्लास्टिक का कारोबार खड़ा कर दिया। वर्ष 1982 में ही वे जैन धर्म से संत जीवन के तौर पर जुड़ना चाहते थे। आखिरकार उन्होंने बीते वर्ष ही अपनी 600 करोड़ रूपए से अधिक की संपत्ति मठवासी जीवन को महत्व देने के लिए दान कर दी।
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