हरियाणा और गोवा के बाद बाइक कैब की सवारी अब हाई टेक शहरों की सड़कों पर भी दौड़ती दिखेगी। जल्द ही यह सेवा के शुरू हो जाने की संभावना है, लेकिन इसकी शुरुआत से पहले ही विफलता के कारण सामने आते दिख रहे हैं। जिसकी मूल वजह बाइक टैक्सी के कार टैक्सी से भी ज्यादा रेट होना है। वहीं, आप कार टैक्सी से बाइक की जगह ज्यादा आरामदायक और कम कीमत में सफर तय कर सकते हैं।
बाइक टैक्सी पर सफर करने का चार्ज-
परिवहन विभाग की तरफ बाइक टैक्सी में सफर करने के लिए से 8 रुपये 60 पैसे प्रति किलोमीटर किराया फिक्स किया गया है। यह किराया शुरुआती एक किलोमीटर का होगा। इसके बाद बाकी सफर का किराया 8 रुपये 10 पैसे किलोमीटर तय किया गया है। इस बाइक का पंजीकरण शुल्क 300 रुपये होगा। इसके अलावा 2300 रुपये सालाना टैक्स देना होगा। मासिक टैक्स 220 रुपये होगा। वहीं, वाहन स्वामी अगर चाहे तो वह अपना टैक्स हर माह या मासिक के हिसाब से पूरे साल का एक साथ जमा कर सकता है।
छह रुपये किलोमीटर पर चलती है कार टैक्सी-
अगर बात कार टैक्सी की करें तो वह छह से सात रुपये किलोमीटर के हिसाब से चलती है. इसके साथ ही कार सेफ और आरामदायक भी है। ऐसे में आठ रुपये 60 पैसे में बाइक की राइड करने की इच्छा शायद कम ही होगी। यही कारण है कि लोग बाइक टैक्सी की जगह उससे कम दाम में कार टैक्सी को चुनेंगे।
पांच कंपनियों ने दिए हैं प्रस्ताव-
एक एनजीओ समेत पांच कंपनियां बाइक टैक्सी को चलाने के लिए साल भर पहले ही अपना प्रस्ताव दे चुकी हैं. उन्हीं के प्रस्ताव के बाद परिवहन विभाग ने इस पर वार्ता कर बाइक टैक्सी चलाने की पहल की. नोएडा में सबसे पहले जून 2015 में एक प्रयास एनजीओ ने बाइक कैब चलाने का प्रस्ताव एआरटीओ रचना यदुवंशी को दिया था। इसके बाद पांच और कंपनियों के प्रस्ताव आए।
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