ऑटो कंपनियों को हो सकता है 12 हजार करोड़ रुपये का घाटा
ऑटो कंपनियों को हो सकता है 12 हजार करोड़ रुपये का घाटा
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ऑटो मैन्युटफैक्चसरर्स ने BS-III व्हीकल्स की सेल पर बैन से एक साल की छूट पाने के लिए पिटीशन लगाई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज करते हुए 1 अप्रैल 2017 से देशभर में भारत स्टेज (BS)III व्हीकल्स के सेल पर बैन लगा दिया।

आपको बता दे कि कंपनियों के पास बीएस-3 मानक के 8.24 लाख वाहन स्टॉक में रखे हुए हैं जिन्हें जिसे खपाना सिरदर्दी साबित हो सकती है। कंपनी का कहना है कि इनमें से लाखों वाहन देश भर के डीलरों के पास हैं और सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही डीलर  इन कंपनियों से इन्हें वापस लेने का कहने लगे हैं। जानकारी के आधार पर कहा जा रहा है कि दोपहिया, तीन पहिया और वाणिज्यिक वाहन बनाने वाली कंपनियों पर 12 हजार करोड़ रुपये का घाटा हो सकता हैं। 

इसी एमिशन नॉर्म्स के तहत कंपनियों को व्हीकल्स तैयार करने के निर्देश दिए जाते हैं ताकी वायु प्रदूषण को कंट्रोल किया जा सके। नए स्टैंडर्ड आने से फ्यूल को भी बदला जाता है। अभी भारत में BS-IV स्टैंडर्ड चल रहा है और BS-III पर बैन लगाया गया है। इसे यूरो-IV भी कहा जाता है। आपको बता दें कि भारत सरकार ने तय किया है कि वो BS-V को छोड़कर BS-VI एमिशन नॉर्म्स को 2020 तक लागू किया जायेगा।

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