Aug 27 2016 06:40 AM
दही में एक ऐसा पदार्थ पाया जाता है जो रक्त में उपलब्ध कोलेस्ट्रोल को कम करता है, अतः यह हृदय रोग में लाभ पहुंचाता है. पेट की गड़बड़ी (कब्जियत) ही सभी रोगों की जड़ है. उम्र बढ़ने के साथ-साथ रोग प्रतिरोधी क्षमता में ह्रास होता है परन्तु दही का समुचित मात्रा में सेवन प्रतिरोधी क्षमता का विकास करता है.
दही में विद्यमान लैक्टोसिलस बल्गोरिकस और स्ट्रेप्टोकोकस थमोफिलस बैक्टीरिया जो फायदेमंद बैक्टीरिया हैं, शरीर के समुचित विकास में अनुकूल प्रभाव डालते हैं. इसके सेवन से ट्यूमर रोग भी ठीक होने की संभावना रहती है. खाना खाने के बाद दही में चुटकी भर अजवायन व काला नमक मिलाकर सेवन करने से वायु रोग में आराम मिलता है.
इस तरह क प्रयोग से कब्जियत व बवासीर रोग में भी 25 प्रतिशत तक लाभ होता है. दही में नीम की कोंपल पीस कर फोड़े-फुंसियों में लगाने से लाभ होता है और अगर लस्सी में 1-2 पत्ती पीसकर उपयोग करें तो खून साफ होता है.
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