सारी मनोकामनाऐं पूर्ण करते हैं श्री अष्ट विनायक
सारी मनोकामनाऐं पूर्ण करते हैं श्री अष्ट विनायक
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भगवान श्री गणेश यूं तो अपने सभी स्वरूपों में पूर्ण होते हैं। भगवान श्री गणेश शिव के गणों के प्रधान देव हैं। भारत भूमि में हर कहीं श्री गणेश जी के विविध स्थान हैं। इन स्थानों में सभी स्थान प्रमुख और जागृत हैं। अष्टविनायक से तात्पर्य है आठ श्री गणेश जी। ये आठ गणेश अति प्राचीन हैं। इन मंदिरों में भगवान श्री गणेश की जागृत शक्तियां हैं। अष्टविनायक के 8 पवित्र मंदिर 20 से 110 किलोमीटर के क्षेत्र में हैं। 

मंदिरों का पौराणिक महत्व व इतिहास बहुत ही लोकप्रिय है। इन गणपतियों का उल्लेख मुद्गल पुराण में मौजूद है। ये हिंदू धर्म के पवित्र ग्रंथों का समूह है। इसमें भगवान के 8 गणपति धामों की यात्रा अष्टविनायक तीर्थ यात्रा के नाम से जानी जाती है। इन मंदिरों में मयूरेश्वर, मोरेश्वर, पुणे के सिद्धिविनायक, अहमदनगर के बल्लालेश्वर, रायगढ़ के वरदविनायक, पुणेगिरिजात्मज अष्टविनायक लेण्याद्री गांव, श्री मयूरेश्वर मंदिर आदि लोकप्रिय हैं।

मयूरेश्वर के मंदिर में भगवान श्री गणेश द्वारा सिंधुरासुर नामक राक्षस का वध किया गया। श्री गणेशजी द्वारा मोर पर सवार होकर सिंधुरासुर से युद्ध किया गया था। जिसके चलते श्री गणेशजी को मयूरेश्वर कहा गया। सिद्धिविनायक मंदिरों में श्री अष्ट विनायक दूसरे गणेश हैं। सिद्धिविनायक मंदिर पुणे के करीब स्थित है। यह क्षेत्र भीम नदी के समीप है। ऐसे ही मंदिर श्री गिरजात्मक भी हैं। माता पार्वती के पुत्र श्री गणेश यहां प्रतिष्ठापित हैं। इसे भगवान की गुफा भी कहा जाता है। मंदिर में श्री गणेश के दर्शनों के लिए लगभग 300 सीढि़यां चढ़ना पड़ती हैं। मंदिर को पत्थरों को तराशकर बनाया गया है। 

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