जानिए गर्भावस्था के दौरान कौन से योगासन हैं फायदेमंद
जानिए गर्भावस्था के दौरान कौन से योगासन हैं फायदेमंद
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गर्भधारण महिला के जीवन का एक ख़ास पल होता है. इस दौरान पूरे घर में नन्हे मेहमान के आने की खुशियां छाई रहती है. लेकिन साथ ही इस दौरान गर्भवती महिला का ख्याल रखना बेहद जरूरी होता है. इस दौरान महिलओं को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे कि पीठ दर्द, नस चढ़ना, मानसिक अशांति, तनाव, प्रसव के दौरान होने वाले दर्द का डर इत्यादि. 

इन समस्याओं से निपटने के लिए गर्भवती महिलाएं कोई हैवी वर्कआउट भी नहीं कर सकती है और ना ही कोई पैन किलर जैसी दवाइयाँ ले सकती है. ऐसे में इन समस्याओं से निपटने के लिए और स्वस्थ्य गर्भ के लिए एक कारगर उपाय है योग. तो आइए जानते है एक गर्भवती महिला को गर्भ के दौरान कौन कौन से योगासन करना चाहिए. इन योगासनो को आप गर्भ के चौथे महीने से लेकर नवे महीने तक कर सकती है.

तितली आसन:

यदि आप गर्भ के दौरान शरीर के निचले हिस्से में होने वाले तनाव से हमेशा परेशान रहती है तो यह आसन आपको काफी फायदा पहुंचा सकता है. यह शरीर के निचले हिस्से के तनाव को दूर करने के साथ साथ उसमे लचीलापन भी लाता है. इस आसन को करने के लिए आप जमीन पर बैठ कर नमस्ते करने की पोजीशन में आजाए. यानी कि अपने दोनों पैरों को सामने की ओर मौड़े और तलवे आपस में मिला ले. अब हाथों की उँगलियों से पैर के पंजो को पकड़े और तितली के पंखों की भाति पैरो को ऊपर निचे करे. इसे ज्यादा जोर से ना करे और इस दौरान अपनी पीठ और बाजू सीधी रखे. आप इस आसान को 15 - 20 मिनट तक कर सकती है.

पर्वतासन: 

गर्भावस्था में कमर दर्द की समस्यां काफी आम है. इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप पर्वतासन ट्रॉय कर सकती है. इस आसान को करने का एक फायदा यह भी है कि आगे चल कर आपके शरीर का शेप बिगड़ता नहीं है. इस आसन को करने के लिए आप आलकी पालकी मार कर आराम से बैठ जाए. अपनी पीठ सीधी रखे और हाथों की हथेलियों को आपस में जोड़ कर नमस्ते की मुद्रा अपना ले. इसी दौरान सांस खिचे और कुछ देर तक इस मुद्रा में रहने के बाद सांस छोड़ते हुए वापस पहले की मुद्रा में आजाए. 

शवासन:

यदि गर्भ के दौरान आप मानसिक शांति चाहते है तो शवासन एक बेहतरीन योग है. यह मानसिक शांति देने के अलावा गर्भ में पल रहे शिशु के विकास में भी सहायक सिद्ध होता है. इस आसन को करना बहुत ही आसान है. आपको बस बिस्तर पर सीधा लेट कर हाथ पैर को खुला छोड़ देना है. अब पूरी तरह से रिलैक्स हो जाइए, दिमाग को शांत रखिए और धीरे धीरे लम्बी सांस ले और फिर उसे आहिस्ता से छोड़ दे. यह प्रक्रियां आप तीन चार बार कर सकती है.

ध्यान रहे कि यह सभी आसन आप आराम से करे और किसी प्रकार की जल्दबाजी ना करे. यदि कोई आसन करने से आपको तकलीफ हो तो उसे ना करे. 

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