मेनोपाज़ के बाद ज़िंदगी की नई शुरुआत
मेनोपाज़ के बाद ज़िंदगी की नई शुरुआत
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मेनोपाज़ हर महिला के जीवन का महत्वपूर्ण पड़ाव होता है जहां वह सोचती है कि अब जीवन के एक ऐसे मोड़ पर पहुंच गई है,जब उसे अपने पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। अक्सर मेनोपॉज की उम्र 41 से 55 साल के बीच शुरू होती है, पर उन महिलाओं में मेनोपॉज जल्दी हो जाता है जो जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज करती हैं और अपने दिल को स्वस्थ रखने के लिए सही डायट लेती हैं। जापान में किए गए एक सर्वे के मुताबिक यह बात सामने आई है। ऐसा नहीं है कि आप एक्सरसाइज या बैलेंस डाइट लेना बंद कर दें। ये दोनों बातें आपको कैंसर जैसी बीमारी को रोकने में मदद करती हैं। एस्ट्रोजेन है सबसे बड़ी जड़ दस साल तक 3200 महिलाओं पर किए गए एक अध्ययन में यह निष्कर्ष निकला है कि वे महिलाएं जो सप्ताह में करीब 8 से 10 घंटे व्यायाम करती हैं, उनमें मेनोपॉज का समय जल्द था। बशर्तें उन महिलाओं के, जो उनके मुकाबले कम एक्सरसाइज करती थीं। 

मेनोपॉज ऐसी अवस्था है जब महिलाओं में ओवरी अंडे बनाना बंद कर देती है और महिला इसके बाद गर्भवती नहीं हो पाती। महिलाओं में एस्ट्रोजेन ऐसा हार्मोन होता है जिसके कारण उनके शरीर में जल्दी झुर्रियां भी नहीं पड़तीं। इसी हार्मोन के कारण ही महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर और आस्टियोपोरोसिस का खतरा कम रहता है। वसा का इस्तेमाल कम करें जो महिलाएं वसा का ज्यादा सेवन करती हैं जैसे मछली का तेल और वेजिटेबल ऑयल उनमें मेनोपॉज का खतरा 15 फीसद बढ़ जाता है बजाय उन महिलाओं के जो कम तेल का इस्तेमाल करती हैं। 35 साल से ऊपर की महिलाओं को अपने खाने-पीने और अपने व्यायाम पर ध्यान देना होगा ताकि वह समय से पहले होने वाले मेनोपॉज से बच सकें। अक्सर महिलाएं मेनोपॉज को बुढ़ापे की शुरुआत मान लेती हैं और डिप्रेशन में आ जाती हैं। खाने-पीने में लापरवाही करने लगती हैं। मगर ऐसा नहीं है। 

मेनोपॉज के बाद आपको अपना ज्यादा ध्यान रखना जरूरी हो जाता है। यह वही समय होता है जब ब्रेस्ट कैंसर और अस्टियो-आर्थराइटिस का खतरा उनमें बढऩे लगता है। जीवन में नीरसता न आने दें जरूरी है कि महिलाएं अपनी सेहत पर ध्यान दें। स्वस्थ्य जीवनशैली के साथ स्वास्थ्यवर्धक आहार लें। दापत्य जीवन में सूनापन न आने दें। मेनोपॉज के बाद यौन संबंध से मुंह न फेरें। पति से खुल कर बात करें। शारीरिक दिक्कत होने पर अपने फैमिली डॉक्टर से संपर्क करें। जीवन में नीरसता न आने दें।  क्योंकि यह वही समय होता है, जब ज्यादातर महिलाएं पति से विमुख होने लगती हैं। पाश्चात्य देशों में तो मेनोपॉज के बाद दंपति और नजदीक आ जाते हैं और पारिवारिक जिम्मेदारियों से मुक्त होने के बाद उनका साहचर्य और बढ़ जाता है। दरअसल मेनोपॉज के बाद महिलाओं की नए सिरे से जिंदगी शुरू होती है।

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